12 अक्तूबर 2025 - 14:50
नेतन्याहू का हमास को पराजित करने का सपना कभी पूरा नहीं होगा 

हमास ने युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर इस्राईली दबाव में नहीं, बल्कि राजनीतिक और ज़मीनी हक़ीक़तों को देखते हुए किया है।

हमास के खिलाफ संघर्ष के नामपर गज़्ज़ा में नरसंहार मचाने वाले ज़ायोनी शासन को फिलिस्तीन में अपने किसी भी उद्देश्य मे सफलता नहीं मिली। अब ज़ायोनी शासन की नाकामी पर बात करते हुए  ज़ायोनी फ़ौज के रिटायर्ड जनरल इसहाक ब्रिक ने हिब्रू अख़बार “मआरिव” में लिखे अपने लेख में यह माना है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कभी भी अपने उस मक़सद तक नहीं पहुँच पाएंगे, जिसका दावा वे करते हैं — यानी हमास की पूरी तरह हार।

ब्रिक ने लिखा कि नेतन्याहू का यह लक्ष्य नामुमकिन है, और ग़ज़्ज़ा में जारी जंग आखिरकार इस्राईल के अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को बर्बाद कर देगी।

उनके मुताबिक़, हमास ने युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर इस्राईली दबाव में नहीं, बल्कि राजनीतिक और ज़मीनी हक़ीक़तों को देखते हुए किया है।

जनरल ब्रिक ने चेतावनी दी कि अगर जंग नेतन्याहू की मर्ज़ी के मुताबिक़ जारी रहती, तो इस्राईल एक बंद गली में फँस जाता।

इससे पहले फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में माना था कि युद्धविराम के कुछ ही घंटों बाद हमास ने ग़ज़्ज़ा पर दोबारा नियंत्रण पाना शुरू कर दिया था।

अरबी सूत्रों के मुताबिक, हमास ने सात हज़ार से ज़्यादा सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर ली है, ताकि उन इलाक़ों में नियम और अमन बहाल किया जा सके, जहाँ से इस्राईली सेना पीछे हट चुकी है।

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