11 अक्तूबर 2025 - 15:15
राष्ट्रहित के सामने कुछ मंजूर नहीं, न सैन्य कार्रवाई, न स्नैप-बैक!

ईरान ने दोहराया: “न सैन्य कार्रवाई, न स्नैप-बैक, और न कोई दबाव हमें अपने राष्ट्रीय हितों और पारस्परिक सम्मान पर आधारित कूटनीति से नहीं रोक सकता।”

जापान में ईरान के राजदूत ने स्पष्ट शब्दों मे कहा है कि ईरान को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और पारस्परिक सम्मान व साझा हितों पर आधारित कूटनीति जारी रखने से नहीं रोक सकता।

टोक्यो में ईरान के दूतावास ने अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर लिखा कि 
अमेरिका और यूरोपीय तिकड़ी ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी एक झूठा नैरेटिव फैला रहे हैं कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए या वह कूटनीति के ज़रिए इसे रोकना चाहता है। यह दावा पूरी तरह भ्रामक और बेईमान है।

ईरान ने हमेशा कहा है कि व्यापक विनाश वाले हथियार, विशेष रूप से परमाणु हथियार, धार्मिक और मानवीय कारणों से वर्जित हैं। ऐसे हथियारों का कोई स्थान ईरान की रक्षा नीति में नहीं है, और ईरान मध्य पूर्व सहित दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त देखना चाहता है।

2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) के बाद, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की 15 रिपोर्टों में ईरान को अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के सबसे प्रतिबद्ध पक्ष के रूप में मान्यता दी गई। जो देश IAEA की सबसे कठोर जांचों से गुजरता है और उसके साथ सहयोग बनाए रखता है वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता।

अमेरिका द्वारा इस्राईल के हमलों का समर्थन करना और ईरान की उन परमाणु सुविधाओं पर खुद हमला करना जो IAEA की निगरानी में थीं यह सब अमेरिका और यूरोपीय तिकड़ी की ओर से कूटनीति के साथ धोखा था।

 जब "स्नैप-बैक" जैसे तंत्र का समर्थन किया जाता है और साथ ही बातचीत की बात की जाती है, तो यह असल में दबाव की रणनीति है, न कि सच्ची कूटनीति।
ईरान ने दोहराया: “न सैन्य कार्रवाई, न स्नैप-बैक, और न कोई दबाव हमें अपने राष्ट्रीय हितों और पारस्परिक सम्मान पर आधारित कूटनीति से नहीं रोक सकता।”

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