इस्राईल के लिए खुला समर्थन जताने वाले फ्रांस की दोगली हरकतों पर एक बार फिर हंगामा मचा हुआ है। अब फ्रांस के करन यूनिफ़ेल की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। फ्रांसीसी बलों पर जासूसी और सैन्य सहयोग के आरोप लग रहे हैं।
दक्षिण लेबनान में हिज़्बुल्लाह पर ज़ायोनी ड्रोन हमलों के बीच अब संयुक्त राष्ट्र शांति बल यूनिफ़ेल की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि यह बल न केवल शांति स्थापना में विफल रहा है, बल्कि इस्राईल के साथ खुफिया सहयोग में भी शामिल है।
लेबनानी अख़बार अल-अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यूनिफ़ेल के फ़्रांसीसी सैनिक पिछले चार दशकों से संयुक्त राष्ट्र के दायरे से बाहर जाकर इस्राईल के हितों के अनुरूप सूचनाएँ जुटा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2024 में युद्धविराम लागू होने के बाद फ़्रांसीसी बलों ने “त्वरित हस्तक्षेप इकाई” के नाम पर उन्नत हथियारों से लैस एक विशेष दस्ते का गठन किया, जो बिना संयुक्त राष्ट्र की मंज़ूरी के दक्षिण लितानी क्षेत्र के किसी भी हिस्से में तैनात हो सकता है।
अतीत में भी ऐसी रिपोर्टें आई थीं कि फ़्रांसीसी ड्रोन ज़ायोनी सेना को खुफिया डेटा भेजते रहे हैं, विशेषकर दक्षिण लेबनान, बेरूत और बेक़ा घाटी में हुए ज़ायोनी हवाई हमलों से पहले और बाद में।
रिपोर्ट में बताया गया कि फ़्रांसीसी सैनिक अब केवल शांति रक्षक नहीं, बल्कि “सैन्य और खुफिया यूनिट” की तरह काम कर रहे हैं। उनके पास हल्के बख़्तरबंद वाहन (LAV), ड्रोन, और निगरानी उपकरण मौजूद हैं — जिनका मुख्य उद्देश्य जासूसी और जानकारी एकत्र करना है।
लेख के अनुसार, फ़्रांस ने यूनिफ़ेल के भीतर एक एकीकृत सिस्टम तैयार किया है जो ज़मीन और हवा दोनों से इस्राईल के “टारगेट बैंक” को रोज़ अपडेट करता है। फ़्रांसीसी सैनिक, जो संयुक्त राष्ट्र की वर्दी पहनते हैं, उन इलाकों की मानचित्रण और मानव खुफिया जानकारी इकट्ठा करते हैं जहाँ इस्राईल सीधे नहीं पहुँच सकता।
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि दक्षिण लेबनान में फ़्रांस ने उन्नत वायु-रक्षा सिस्टम और एंटी-ड्रोन डिवाइस (NEROD) के साथ बख़्तरबंद वाहन VBCI भी तैनात किए हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि इतनी उन्नत सैन्य मौजूदगी यह दिखाती है कि फ्रांस लेबनान में भविष्य के युद्ध परिदृश्य के लिए सक्रिय रूप से तैयारी कर रहा है और यूनिफ़ेल अब शांति मिशन से आगे बढ़कर एक “सैन्य मोर्चा” बनता जा रहा है।
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