ईरान ने अवैध राष्ट्र के आतंकी हमलों के बाद ऐसा जबरदस्त पलटवार किया हिय जिसकी कल्पना अवैध राष्ट्र इस्राईल और उसकी ल्गाम संभालने वाले अमेरिकी और यूरोपीय तिकड़ी को भी नहीं थी। हैफ़ा पर ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों ने ज़ायोनी शासन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को अभूतपूर्व झटका दिया है और इस रणनीतिक बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के चक्र से प्रभावी रूप से हटा दिया है।
महत्वाकांक्षी अरब-भूमध्यसागरीय गलियारा (IMEC) योजना, जो हैफ़ा बंदरगाह को एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच एक ट्रांजिट केंद्र में बदलने वाली थी, ईरान द्वारा हैफ़ा के बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाने के कारण पूरी तरह विफल हो गई है।
यह योजना, जिसे अमेरिका के समर्थन और सऊदी अरब, यूएई और भारत जैसे देशों की भागीदारी के साथ लागू किया जा रहा था, अब नेतन्याहू की मेज पर एक जला हुआ सपना बनकर पड़ी है।
बता दें कि इलाके के एक अहत्वपूर्ण बंदरगाह और लेबनान की खूबसूरत राजधानी बेरूत में 5 अगस्त, 2020 में बेरूत बंदरगाह में भयानक विस्फोट हुए थे। कहा जाता है कि यह घटना ज़ायोनी शासन द्वारा अपने हैफ़ा बंदरगाह को भूमध्यसागर में सबसे बड़े बंदरगाह में बदलने की साजिश थी।
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