फ़्रांस की राजधानी पेरिस में इस्लामोफोबिया और इस्लाम विरोधी कार्रवाइयों के खिलाफ एक विशाल मार्च का आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वालों ने ज़ायोनी शासन के अपराधों के खिलाफ नारे लगाए और फिलिस्तीन की आज़ादी तथा ग़ज़्ज़ा में जारी नरसंहार को समाप्त करने का आह्वान किया।
इस मार्च में विभिन्न समूह और पार्टियां मौजूद थीं, जिन्होंने मुसलमानों पर नस्लवादी हमलों की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने स्टेडियम में हिजाब पर लगाए गए प्रतिबंध की भी निंदा की।
यह मार्च उत्तरी फ्रांस में एक आतंकवादी हमले में एक युवा मुस्लिम व्यक्ति की मौत के बाद आयोजित किया गया था, लेकिन फ्रांस सरकार ने इस हमले को एक नस्लवादी द्वारा किया गया आतंकवादी हमला मानने से इनकार कर दिया। पेरिस में मार्च करने वालों में फ्रांसीसी संसद के कई सदस्य भी शामिल थे।
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