23 अगस्त 2014 - 19:24
कैनेडा की स्टूडेंट यूनियन ने इस्राईल का किया बाईकॉट।

कैनडा के सबसे बड़े छात्र संघ ने ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के बर्बरतापूर्ण हमलों और अमानवीय अपराधों के कारण उसका बहिष्कार किया है।

अबनाः  कैनडा के सबसे बड़े छात्र संघ ने ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के बर्बरतापूर्ण हमलों और अमानवीय अपराधों के कारण उसका बहिष्कार किया है। फ़िलिस्तीन अलयौम वेबसाइट के अनुसार कैनेडियन फ़ैडरेशन आफ़ स्टूटेंन्ट्स या कैनडा छात्र संघ ने जो इस देश का सबसे बड़ा छात्र संघ है और इसके 3 लाख छात्र सदस्य हैं, ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी शासन के हमलों के कारण इस शासन का बहिष्कार किया है।
कैनडा के टोरन्टो शहर में रायरसन विश्वविद्यालय में इस संघ की बैठक हुयी जिसमें इस्राईल के बहिष्कार का फ़ैसला लिया गया। इस छात्र संघ की केन्द्रीय परिषद के सदस्य आना गोल्डवानिच ने बताया कि इस फ़ैसले में दंडित करना, पूंजि निवेश को सीमित करना और फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के साथ एकता के लिए दूसरे उपाय शामिल हैं। रायरसन विश्वविद्यालय छत्र संघ के अध्यक्ष राजीन होलित ने भी कहा कि ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध अपराध किए हैं और जिन विश्वविद्यालयों ने उसके साथ संपर्क बाक़ी रखे हैं वे भी उसके युद्ध अपराध में सहभागी हैं।
अमरीका और बहुत से योरोपीय देशों में संघों और स्वाधीन संस्थाओं ने फ़िलिस्तीनी जनता के विरुद्ध इस्राईल के अपराध के कारण इस्राईल का बहिष्कार किया है।
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम की ज़रूरत पर बल दिया।
न्यूयार्क से शेन हुआ के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफ़न डुजैरी ने कहा कि बान की मून ने शुक्रवार को मध्यपूर्व के कुछ महत्वपूर्ण नेताओं और अन्य महत्वपूर्ण पक्षों से ग़ज़्ज़ा संकट के बारे में बातचीत की और ग़ज़्ज़ा में स्थायी संघर्ष विराम की अपील की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने स्वशासित फ़िलिस्तीनी प्रशासन के अध्यक्ष महमूद अब्बास, मिस्री विदेश मंत्री सामेह शुकरी और अमरीकी विदेश मंत्री से टेलीफ़ोन पर बातचीत की।
ज्ञात रहे मिस्र की राजधानी क़ाहेरा में ज़ायोनी शासन और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ता गुटों के बीच संघर्ष विराम वार्ता बिना किसी परिणाम के ख़त्म हो गयी।

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