:امام حسین علیه السلام
لا اَفْلَحَ قَوْمِ اشْتَرَوْا مَرْضاةَ الْمَخْلُوقِ بِسَـخَطِ الْخـالِقِ؛
[عوالم: ج 17، ص 234]
इमाम हुसैन अ.स:
जो क़ौम लोगों की मर्ज़ी और खुशी के बदले अल्लाह के ग़ज़ब और नाराज़गी का सौदा कर लेती है वह कभी कामयाब नहीं हो सकती।
अल्लाह के ग़ज़ब और नाराज़गी का सौदा कर लेती है वह काभी कामयाब नहीं हो सकती।
:امام حسین علیه السلام
لا اَفْلَحَ قَوْمِ اشْتَرَوْا مَرْضاةَ الْمَخْلُوقِ بِسَـخَطِ الْخـالِقِ؛
इमाम हुसैन अ.स:
जो क़ौम लोगों की मर्ज़ी और खुशी के बदले अल्लाह के ग़ज़ब और नाराज़गी का सौदा कर लेती है वह कभी कामयाब नहीं हो सकती।
आपकी टिप्पणी