1 अगस्त 2025 - 15:59
आज़ादी का दुश्मन

अपनी ज़िंदगी आज़ादी से गुजारे उसे चाहिए कि वह अपने दिल में

:امام علی علیه السلام

 مَن أرادَ أن يَعِيشَ حُرّا أيّامَ حياتِهِ فلا يُسكِنِ الطَّمَعَ قَلبَهُ؛

 [تنبيه الخواطر: ج1، ص49]

هر كه مى‌خواهد ايام عمر خود را آزاد زندگى كند، طمع را در دل خويش جاى نده

अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ.स.:

जो चाहता है कि अपनी ज़िंदगी आज़ादी से गुजारे उसे चाहिए कि वह अपने दिल में लालच को जगह न दे।

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