31 जुलाई 2025 - 17:56
न उम्मीदें लगाओ, न डरो

ना तो अल्लाह के अलावा किसी से उम्मीदें लगाए और न ही अपने गुनाहों के अलावा .....

:امام علی علیه السلام

 لا يَرْجُوَنَّ اَحَدٌ مِنْكُمْ اِلاّ رَبَّهُ وَ لا يَخافَنَّ اِلاّ ذَنْبَهُ؛

 [نهج البلاغه: حکمت82، ص1123]

अमीरुल् मोमेनीन हज़रत अली अ.स.:

तुम में से कोई भी इंसान ना तो अल्लाह के अलावा किसी से उम्मीदें लगाए और न ही अपने गुनाहों के अलावा किसी और चीज से डरे। 

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