:حضرت علی علیه السلام
أَكْرِمْ عَشـيرَتَكَ فَاِنـَّهُمْ جـَناحُكَِ؛
[غررالحكم: ج2، ص229]
अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ.स.
अपने रिश्तेदारों का सम्मान और एहतेराम करों क्योंकि वह तुम्हारी ताक़त और हिम्मत हैं ।
..... सम्मान और एहतेराम करों क्योंकि वह तुम्हारी ताक़त और हिम्मत हैं ।
:حضرت علی علیه السلام
أَكْرِمْ عَشـيرَتَكَ فَاِنـَّهُمْ جـَناحُكَِ؛
[غررالحكم: ج2، ص229]
अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ.स.
अपने रिश्तेदारों का सम्मान और एहतेराम करों क्योंकि वह तुम्हारी ताक़त और हिम्मत हैं ।
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