:وَ عَنِ الرِّضا عليه السلام
.حـُبُّ اَوْلِياءِ اللّه ِ واجِبٌ وَ كَذلِكَ بُغْضُ اَعْدائِهِمْ وَ الْبَرائَةُ مِنْهُمْ وَ مِنْ اَئِمَّتِهِمْ
[وسائل الشيعه، ج11، ص433.]
इमाम रज़ा अ.स.
औलिया ए इलाही से दोस्ती और उनकी मोहब्बत वाजिब है और इसी तरह उनके दुश्मनों और उनके सरग़नाओं और उन्हे मानने वालों से दुश्मनी और बेज़ारी भी वाजिब है।
आपकी टिप्पणी