अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर जिन्टैक (रेनिटिडिन) से कैंसर और अल्सर होने के 10 हजार से ज्यादा दावों पर समझौते को राजी हो गई है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि यह समझौता पूरे अमेरिका में दायर मुकदमों को निपटाने के लिए किया जा रहा है। इस मामले में अमेरिका में फाइजर के अलावा जीएसके, सनोफी और बोहरिंगर इंगेलहेम के खिलाफ संघीय और राज्य अदालतों में 70 हजार मुकदमे दायर हैं।
एसिडिटी, सीने में जलन और गैस के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली इस दवा से कैंसर और अल्सर होने की जानकारी 2019 में सामने आई। रेनिटिडिन में कैंसर कारक एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन (एनडीएमए) की भारी मात्रा पाई जाती है।
जीएसके ने दुनियाभर के बाजारों से जिन्टैक ब्रांड नाम से बेची जाने वाली इस दवा को हटा दिया है। हालांकि, भारत में इस दवा की बिक्री पर अब भी कोई प्रतिबंध नहीं है। भारत में रेनिटिडिन का इस्तेमाल कर बनने वाली सैकड़ों जेनरिक दवाएं बेची जा रही हैं।