:امام رضا علیه السلام
.إنّ العبدَ إذا اختارَهُ اللّهُ عزّ وجلّ لاُمورِ عبادِهِ شَرحَ صَدرَهُ لذلكَ ، وأودَعَ قلبَهُ يَنابِيعَ الحِكمةِ، وألْهَمهُ العِلمَ إلهاما ، فلَم يَعْيَ بعدَهُ بجوابٍ ولا يَحيرُ فيهِ عنِ الصّوابِ
الكافي : ج۱ص۲۰۲ ح۱
इमाम रज़ा अ.स.
जब भी अल्लाह तआला अपने बन्दों के मामलों के लिए किसी बन्दे को चुनता है, तो उसे इस मामले में कुशादा दिली और स्पष्ट दृष्टि प्रदान करता है, उसके दिल में इल्मो दानिश के चश्मे और ज्ञान के स्रोत जारी करता है, और उसे ज्ञान और बुद्धि से नवाज़ देता है, ताकि उसके बाद वह कोई जवाब देने से न चूके और सीधे मार्ग से भी न भटके।
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