ईरान के रक्षा मंत्रालय ने देश की दोनों नौसेनाओं को अबू महदी मिसाइल सौंप दिया है जो लंबी दूरी की मारक क्षमता वाला मिसाइल है और आर्टिफ़िशल इंटैलीजेंस का इस्तेमाल करता है।
ईरान में पारंपरिक नौसेना के साथ ही आईआरजीसी की भी नौसेना है। यह मिसाइल इलेक्ट्रोनिक युद्ध में इस्तेमाल होगा जिसे रक्षा मंत्रालय के एयरोस्पेस उद्योग ने बनाया है। इसका इस्तेमाल हुर्मुज़ स्ट्रेट और देश के समुद्र तटों की हिफ़ाज़त के लिए किया जाएगा।
इस मिसाइल का नाम इराक़ की पापुलर फ़ोर्स हश्दुश् शअबी के कमांडर अबू महदी अलमुहंदिस के नाम पर रखा गया है जो ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी के साथ बग़दाद में अमेरिका के ड्रोन हमले में शहीद हो गए थे।
ईरानी नौसेना के पूर्व कमांडर जनरल ख़ानज़ादी ने जून 2020 कहा था कि ईरान लंबी दूरी के एक मिसाइल पर काम कर रहा है।
यह मिसाइल बिल्कुल सटीक निशाना लगाता है जबकि इसके भीतर अनेक महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। यह मिसाइल समुद्र के भीतर होने वाली लड़ाई में कामयाबी से अपने मिशन को ध्वस्त कर सकता है।
मिसाइल बहुत नीची उड़ान भरता है जिसकी वजह से राडार की रेंज में नहीं आता, इसका शुरुआती ईंधन ठोस और दूसरे स्टेज का ईंधन तरल है।