जनरल सलामी ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि दुश्मनों ने हमारे ख़िलाफ़ हर हथकंडा अपनाया उन्होंने देश को तोड़ने की कोशिश की, विभाजित करने की कोशिश की, बदलने की कोशिश की पाबंदियां लगाईं मगर आज दुनिया के सामने एक विशाल ईरान खड़ा है जिसका गहरा असर है और जो अंतर्राष्ट्रीय ताक़त के रूप में पहचाना जाता है।
जनरल सलामी ने कहा कि हमारा सामना एक बड़े दुश्मन से रहा और अगर बड़ा दुश्मन सामने न होता तो हम इतने शक्तिशाली न बन पाते। हमारा दुश्मन भौगोलिक दृष्टि से हमसे काफ़ी दूर है, अगर वो इतनी दूर न होता तो इतने दूर के इलाक़ों तक हम अपनी मज़बूती का दायरा भी न बढ़ा पाते। उनका कहना था कि दुश्मन की ताक़त की वजह से ही ईरान ने ड्रोन विमान बनाए और अपनी नौसेना की ताक़त में लगातार इज़ाफ़ा किया।
जनरल सलामी ने बीते समय को याद करते हुए कहा कि एक ज़माना था जब लोग कहते थे कि अमरीकियों के पास एसे मिसाइल हैं जो 2500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकते हैं मगर आज हमारे पास यह ताक़त आ चुकी है और हम इस स्थिति को हल कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि दुश्मन ने पाबंदियां लगाईं तो हमने अपनी क्षमताओं को इस्तेमाल करते हुए ज़रूरत के उपकरण ख़ुद बनाए और अलग अलग क्षेत्रों में आत्म निर्भर हुए।
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