भारत की अध्यक्षता में आज शंघाई संगठन की 23वीं वर्चुअल बैठक हुई जिसमें भारत के प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने इस बात की घोषणा की कि ईरान शंघाई सहयोग संगठन का स्थाई सदस्य हो गया है और साथ ही उन्होंने ईरान और राष्ट्रपति सैयद मोहम्मद इब्राहीम रईसी को बधाई दी है। शंघाई संगठन के दूसरे सदस्य देशों ने भी ईरान को बधाई दी है।
राष्ट्रपति ने भी इस वर्चुअल बैठक में भाग लिया और आशा जताई है कि इस संगठन में ईरान की उपस्थिति सदस्य देशों के मध्य संपर्क और एकता को मज़बूत बनाने, देशों की सम्प्रभुता का सम्मान करने और पर्यावरण की चुनौतियों से मुकाबला करने में प्रभावी सिद्ध होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्थाई व टिकाऊ शांति उस समय स्थापित होगी जब क्षेत्रीय राष्ट्र अपनी संयुक्त संस्कृति व सभ्यता के आधार पर सहयोग का वातावरण उत्पन्न करेंगे। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान दो दशकों से अधिक समय से आतंकवाद और अतिवाद से मुकाबला कर रहा है और सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने और क्षेत्र में वर्चस्ववाद से मुकाबला करने में उसने अपनी प्रतिबद्धता सिद्ध कर दी है।
राष्ट्रपति ने इसी प्रकार कहा कि ऊर्जा, तकनीक, उद्योग, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में शंघाई संगठन के सदस्य देशों के मध्य सहयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा उदाहरण बन सकता है। राष्ट्रपति ने इसी प्रकार विश्व व्यापार से डॉलर समाप्त किये जाने पर बल देते हुए कहा कि पश्चिम की वर्चस्ववादी शक्तियों ने प्रतिबंध लगाकर और आर्थिक क्षेत्र में समस्यायें उत्पन्न करके विश्व में न्यायपूर्ण व्यापार और सुरक्षा को खतरे में डाल रखा है।
उन्होंने अपनी आंतरिक क्षमताओं व संभावनाओं पर भरोसा करके विभिन्न क्षेत्रों में ईरान की प्रगतियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि आर्थिक क्षेत्रों में विस्तार के लिए क्षेत्र में एक दूसरे से संपर्क ज़रूरी है और ईरान इस क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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