राहुल गांधी का लखनऊ से सीतापुर और फिर वहां से लखीमपुर खीरी का सफ़र बार बार चर्चा में आया। बार बार यह प्रतीत हुआ कि योगी सरकार समझ नहीं पा रही है कि इस मामले को किस तरह हैंडल करना है। दोपहर बाद लखीमपुर जाने की इजाजत मिलने के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन फिर गाड़ी पर ड्रामा शुरू हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी गाड़ी से लखीमपुर जाना चाहते हैं लेकिन पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी से ले जाना चाहती है। ऐसे में राहुल जमीन पर ही बैठ गए। लखनऊ एयरपोर्ट पर अफसरों से राहुल गांधी की बहस हो गई।
बहरहाल राहुल गांधी आख़िरकार प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे सीतापुर पहुंचे जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम उसी समय से लगा हुआ जब से प्रियंका गांधी को गिरफ़तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तीन अन्य को लखीमपुर हिंसा में मृतकों के परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी थी।
शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से भी बात की थी। लखीमपुर खीरी में हुई घटना को दुखद बताते हुए भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया है।
अन्य राजनैतिक दलों के लिए भी पांच पांच लोगों को लखीमपुर जाने की अनुमति दी गई है।
इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि जिन्होंने किसानों को कुचला वो नेता नहीं हो सकते वो खूंखार लोग हैं। FIR दर्ज़ हो गई पर अभी गिरफ़्तारी नहीं हुई। सरकार के पास 7-8 दिन का समय है। जो मंत्री दिल्ली में बैठकर बयान दे रहे हैं वो अपनी जुबान पर लगाम दें। गिरफ़्तारी के बाद बयान दें।
इस बीच ख़बरें आ रही हैं कि लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या किए जाने के मामले में आरोपी मंत्री अजय मिश्रा की मोदी सरकार से विदाई तय है। मीडिया में यह भी रिपोर्टें आ रही हैं कि थोड़ी देर में ही आशीष मिश्रा मोनू की गिरफ्तारी हो सकती है जो अजय मिश्रा के बेटे हैं। सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ से स्पेशल टीम रवाना हो चुकी है।