AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

24 अप्रैल 2024

10:11:47 am
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आध्यात्मिकता, तर्कसंगतता और न्याय शिया विचारधारा के अहम् स्तंभ : आयतुल्लाह रमज़ानी

शिया विचारधारा में न्याय का केंद्रीय स्थान है और इस विचारधारा में न्याय का प्रतीक इमाम अली (अस) हैं, जॉर्ज जुर्दाक जैसे दार्शनिक और विचारकों ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया। तर्कसंगतता, आध्यात्मिकता और न्याय शिया विचारधारा के तीन पक्ष हैं जो अहले-बैत (अ.स.) की शिक्षाओं से लिए गए हैं।

अहले- बैत (अ.स.) समाचार एजेंसी -अबना- के अनुसार, अहलेबैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के सेक्रेटरी जनरल आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने वेनेजुएला यात्रा के दौरान इस देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाकात और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

इस बैठक की शुरुआत में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी की वेनेजुएला यात्रा पर ख़ुशी जताते हुए ईरान और वेनेजुएला के संबंधों को घनिष्ठ, ऐतिहासिक और भाईचारे पर आधारित बताते हुए कहा कि यह रिश्ते सिद्धांत और मूल्यों के अनुरूप होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम एक हिंसक और तानाशाही सिस्टम वाली दुनिया में रहते हैं। शावेज़ ने 21वीं सदी को अलग अलग राष्ट्र और उनकी जनता की सदी माना और हम 21वीं सदी का हिस्सा हैं, 21वीं सदी हमारी सदी है। कोई भी हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता तथा शांति से रहने का अधिकार और आध्यात्मिकता, संस्कृति और धर्म को जोड़ने का अधिकार नहीं छीन सकता।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के साथ अपनी मुलाकातों का जिक्र करते हुए निकोलस मादुरो ने उन्हें एक बुद्धिमान व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनके पास दुनिया और दुनियाभर के घटनाक्रम का विस्तृत और गहरा विश्लेषण है। हम हमेशा ही आयतुल्लाह ख़ामेनेई के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। मैं अहलेबैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के सेक्रेटरी जनरल से अपील करूँगा कि वह हमारा सलाम आयतुल्लाह ख़ामेनेई तक पहुंचाएं।

मादुरो ने कहा कि आज अमेरिका की बागडोर ज़ायोनी लॉबी के हाथों में है। आज की दुनिया की सभी समस्याएँ इसी फासीवादी और नाज़ी दृष्टिकोण के कारण हैं जिसका प्रभाव पश्चिमी देशों के सभी स्तंभों पर है। उन्होंने कहा, आज ज़ायोनी लॉबी अमेरिका को कंट्रोल कर रही है। शक्ति का मुख्य स्रोत अर्थात सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक शक्ति उनके हाथों में है। मादुरो ने कहा कि अलबत्ता आज हम एक बहुध्रुवीय दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं जिसमें चीन, रूस और ईरान जैसे सत्ता के विभिन्न ध्रुव बन गए हैं।

अहलेबैत वर्ल्ड इस्लामिक असेंबली के सेक्रेटरी जनरल आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने ईरान और वेनेज़ुएला के रिश्तों को गहरा और रणनीतिक बताते हुए कहा कि हमारे धर्म के सिद्धांतों में जुल्म करने और जुल्म सहने की निंदा की गयी है, वहीं दूसरी ओर सम्मान और न्याय पर जोर दिया गया है।

ज़ुल्म के बराबर में डट जाना वह अहम् सबक़ है जो हमे इमाम खुमैनी ने सिखाया है ताकि हम एक संस्कृति का निर्माण कर सकें। इमाम खुमैनी चार सिद्धांतों में विश्वास करते थे, जिनमें ईश्वर में विश्वास, उद्देश्य और मक़सद में विश्वास, अपने रास्ते और पथ में विश्वास और लोगों में विश्वास। इमाम खुमैनी ने अपने इस विश्वास और ईमान के साथ क्रांति की और दुनिया के सारे समीकरण बदल दिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में बदलाव होना ही चाहिए ताकि विश्व की धन संपदा दुनिया के सभी लोगों के बीच उचित रूप से बांटी जा सके।

आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने आधुनिक गुलामी की ओर संकेत करते हुए कहा कि दुनिया की कुछ सरकारों द्वारा अत्याचार किये जा रहे हैं, जिसे आधुनिक गुलामी कहा जा सकता है और इसे ख़त्म किया जाना चाहिए।

आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने कहा कि शिया विचारधारा में न्याय का केंद्रीय स्थान है और इस विचारधारा में न्याय का प्रतीक इमाम अली (अस) हैं, जॉर्ज जुर्दाक जैसे दार्शनिक और विचारकों ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया। तर्कसंगतता, आध्यात्मिकता और न्याय शिया विचारधारा के तीन पक्ष हैं जो अहले-बैत (अ.स.) की शिक्षाओं से लिए गए हैं।

आयतुल्लाह रमज़ानी ने कहा कि हजरत मसीह समाज की सर बुलंदी के लिए आयेंगे। हम शिया भी मानते हैं कि हजरत महदी (अ.स.) समाज के अधिकार और इक़्तेदार के लिए आएंगे और सरकार नेक लोगों के हाथों में आएगी और मज़लूम दुनिया पर शासन करेंगे और अत्याचारी, अहंकारी और ज़ालिमों का हिसाब होगा।

आयतुल्लाह रमज़ानी ने कहा कि ईरान एक क्षेत्रीय ताक़त से दुनिया की बड़ी शक्ति में बदल गया है। अलग अलग मैदानों में ईरान के विकास और तरक़्क़ी इल्म, साइंस और टैक्नोलॉजी में प्रगति के कारण है। ईरान साइंस के कुछ मैदानों में 10 अग्रणी देशों में है और विश्व वैज्ञानिक रैंकिंग में 16वें स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि ईरान अपने अनुभवों और वैज्ञानिक उपलब्धियों को अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। प्रतिबंधों में रहते हुए भी ईरान में इन वर्षों के दौरान जो अनुभव प्राप्त किये हैं उन्हें वेनेज़ुएला को देने के लिए तैयार है।

इस बैठक के अंत में, आयतुल्लाह रमज़ानी ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति से वेनेजुएला में अहले बैत (अ.स.) के चाहने वालों और उनके अनुयायियों पर विशेष ध्यान देने और उनके प्रतिनिधियों को समारोहों में आमंत्रित करने की अपील की। वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने आयतुल्लाह रमज़ानी की इस अपील का गर्मजोशी से जवाब देते हुए वादा किया कि वह अहले बैत (अ.स.)  के चाहने वाले और उनके अनुयायियों पर ख़ास ध्यान देंगे और उन्हें अपने प्रोग्राम में आमंत्रित करते रहेंगे।