AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
सोमवार

22 अप्रैल 2024

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नेस्ले का विवादों से पुराना नाता, जांच में जुटी FSSAI, कड़ी कार्रवाई की तैयारी

यह पहली बार नहीं है जब नेस्ले के प्रोडक्ट्स पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी भारत और विदेशों में कंपनी के तमाम प्रोडक्ट्स पर विवाद हो चुका है।

भारत में बिकने वाले अपने बेबी प्रोडक्ट्स में जरुरत से ज्यादा चीनी का इस्तेमाल करने की खबरों के बीच विवादों में फंसी कंज्यूमर गुड्स कंपनी नेस्ले पर एक्शन की तयारी हो रही है। नेस्ले एक बार फिर से विवादों में है। जांच में पाया गया है कि नेस्ले भारत में बिकने वाले अपने बेबी प्रोडक्ट्स में जरुरत से ज्यादा चीनी का इस्तेमाल करती है, जबकि कंपनी अपने इन्हीं प्रोडक्ट्स को यूरोप, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देशों में बिना चीनी के बेचती है।

भारत में कंपनी के भेदभाव वाले रवैये ने अब नेस्ले की मुश्किलें बढ़ा दी है। भारत की खाने की चीजों की जांच करने वाली संस्था (FSSAI) इस मामले की जांच कर रही है। FSSAI ने कहा है कि वो इस मामले की पूरी जांच करेगी, अगर नेस्ले कंपनी की गलती पाई गई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब नेस्ले के प्रोडक्ट्स पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी भारत और विदेशों में कंपनी के तमाम प्रोडक्ट्स पर विवाद हो चुका है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, नेस्ले गरीब देशों जैसे भारत में बेचे जाने वाले बच्चों के दूध में चीनी मिलाता है, जबकि यूरोप या ब्रिटेन जैसे अमीर देशों में नहीं मिलाता। नेस्ले का भारत में सबसे बड़ा ब्रांड था मैगी नूडल्स। साल 2015 में भारत में मैगी नूडल्स बेचना बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

नेस्ले को बच्चों से खेतों में जबरदस्ती मजदूरी कराने के आरोपों को लेकर भी कानूनी पचड़ों का सामना करना पड़ा है। साल 1988 में नेस्ले पर पानी चुराने का आरोप भी लग चुका है। नेस्ले पर एक आरोप ये भी है कि उसके सामान की पैकिंग के लिए बहुत सारा प्लास्टिक इस्तेमाल होता है। पर्यावरण की चिंता करने वाले लोग कहते हैं कि नेस्ले प्लास्टिक के कचरे को सही से नहीं हटाती, जिससे प्रदूषण फैसता है। पाकिस्तान में भी नेस्ले के खिलाफ शिकायतें हैं। कहते हैं कि नेस्ले की वजह से जमीन के नीचे के पानी का स्तर घट रहा है और पानी भी गंदा हो रहा है।