रूस में समलैंगिक संबंधों पर रोक है और इसे गैरकानूनी माना जाता है। यही नहीं अब देश के उच्चतम न्यायालय ने इस पर अहम फैसला सुनाते हुए इंटरनेशनल LGBTQ मूवमेंट को प्रतिबंधित कर दिया है।
इसके अलावा इसे उग्रवादी संगठन मानने का भी आदेश दिया है। अदालत का कहना है कि इससे जुड़े लोग कोई गतिविधि रूस में नहीं कर सकेंगे। बीते कुछ साल रूस में समलैंगिक संबंधों में रहने वाले लोगों के लिए बुरे गुजरे हैं। सरकार ने पाबंदियां लगाई हैं और अब अदालत के इस आदेश से मुश्किल और बढ़ गई है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी LGBTQ समुदाय के विरोध में अपने लिए मौका देख रहे हैं।
वह खुद को रूस में परंपरागत संस्कृति के रक्षक के तौर पर पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम रूस के नैतिक मूल्यों को पश्चिमी सभ्यता के हमले से बचाने में जुटे हैं।
रूस के कानून मंत्रालय ने कहा था कि देश LGBTQ कम्युनिटी की एक्टिविटीज से सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है।