ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने बल देकर कहा कि समस्त इस्लामी विद्वान यह अपराध अंजाम देने वाले को कड़ी से कड़ी सज़ा देने पर एकमत हैं। उन्होंने स्वीडन में पवित्र कुरआन का अनादर किये जाने के बाद कहा कि स्वीडन की सरकार को चाहिये कि वह इस अपराध को अंजाम देने वाले को इस्लामी देशों की अदालत के हवाले करे।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के संदेश में आया है कि स्वीडन की सरकार को जान लेना चाहिये कि वह अपराधियों का समर्थन करके इस्लामी जगत के मुकाबले में जंग की हालत में आ गयी है। इसी प्रकार इस्लामी क्रांति से सर्वोच्च नेता ने अपने संदेश में बल देकर कहा है कि इस घटना का षडयंत्र रचने वालों को भी जान लेना चाहिये कि कुरआन का मान- सम्मान और मार्गदर्शन का उसका प्रकाश दिन- प्रतिदिन अधिक होगा और इस प्रकार का षडयंत्र और इसके ज़िम्मेदार इससे भी तुच्छ हैं कि वे इसके दिन-प्रतिदिन बढ़ते प्रकाश को रोक सकें।
गुरूवार 20 जुलाई को स्वीडन की पुलिस ने इराकी मूल के स्वीडिश नागरिक को दोबारा पवित्र कुरआन के अनादर की अनुमति दे दी जिस पर इस्लामी देशों में कड़ी प्रतिक्रिया जताई जा रही है। इस्लामी देशों ने पवित्र कुरआन के अनादर की भर्त्सना की और अपने- अपने देशों में स्वीडन के राजदूत को तलब किया।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने भी विदेशमंत्रालय में स्वीडन के राजदूत को तलब करके एलान किया है कि तेहरान में स्वीडिश राजदूत की कार्यावधि समाप्त हो गयी है और ईरानी राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार जब तक स्वीडन की सरकार पवित्र कुरआन और आसमानी किताबों के अनादर को रोकने की दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाती और उस व्यक्ति या धड़े के खिलाफ गम्भीर कार्यवाही नहीं करती जिसने यह अपराध अंजाम दिया है तब तक तेहरान स्वीडन के नये राजदूत को स्वीकार नहीं करेगा। MM
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