इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में एससीओ पूरे यूरेशियाई क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है. भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति और क्षेत्र के लोगों के बीच संबंध हमारी साझी विरासत का जीवंत प्रमाण हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा है. हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा। कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के साधन के रूप में उपयोग करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। एससीओ देशों को इसकी निंदा करनी चाहिए। आतंकवाद पर दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।
बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं, जबकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ सहित अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।