AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
रविवार

4 जून 2023

1:42:22 pm
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इमाम ख़ुमैनी रह. वह सूरज हैं जिसे बादलों के पीछे नहीं छिपाया जा सकताः सर्वोच्च नेता

दोस्तो आज ईरान की इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. की 34वीं बरसी मनाई जा रही है।

इस अवसर पर समूचे ईरान में कार्यक्रम आयोजित किये गये परंतु इस संबंध में सबसे बड़ा कार्यक्रम में तेहरान में उनकी मज़ार में आयोजित हुआ और उस कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में लोग, अधिकारी, दूसरे देशों के राजदूतों और दूसरे गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली खामनेई ने ईरान की इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि मेरे विचार में देश की नई नस्ल को इमाम के विचारों से अधिक अवगत व परिचित होने की ज़रूरत है। हम बड़ी उम्र के लोगों को भी इसी तरह। हम सबको इस महान हस्ती से अधिक परिचित होने की ज़रूरत है और यह चीज़ रास्ते को जारी रखने और आगे बढ़ने में हमारी सहायता करेगी।

उन्होंने अपने भाषण में ईरान की इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. के कुछ विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साम्राज्य के मुकाबले में पिछे हट जाने से उसकी दुश्मनी खत्म नहीं होगी और जो भी ईरान को दोस्त रखता है उसे चाहिये कि वह उम्मीद और ईमान के प्रचार - प्रसार के लिए कोशिश करे। उन्होंने कहा कि दुश्मन कल की भांति आज भी ईरानी राष्ट्र के मुकाबले में लामबंद हैं और पीछे हट जाने से ईरानी राष्ट्र से न उनकी दुश्मनी खत्म होगी न उसमें सुधार होगा। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी रह. ने तानाशाही सरकार का तख्ता पलट करके लोकतांत्रिक व्यवस्था का गठन किया।

इसी प्रकार सर्वोच्च नेता ने कहा कि इस्लामी क्रांति ने अत्याचार व तानाशाही को आज़ादी में बदल दिया और "हम कर सकते हैं" कि भावना को परवान चढ़ाया। इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली खामनेई ने इमाम ख़ुमैनी रह. को एतिहासिक नेताओं में से करार दिया और बल देकर कहा कि एतिहासिक हस्तियों को इतिहास से न तो मिटाया जा सकता और न ही उन्हें बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी रह. ने इस्लामी जगत में इस्लामी जागरुकता का आंदोलन आरंभ किया और इस्लामी जगत, ईरान की इस्लामी क्रांति की सफलता से पहले की तुलना में अधिक सक्रिय और शक्तिशाली है परंतु इसके बावजूद इस क्षेत्र में अधिक काम करने की आवश्यकता है।

इसी प्रकार इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च ने कहा कि जायोनियों और उनके समर्थकों के विचार में फिलिस्तीन का विषय खत्म हो चुका था परंतु इमाम ख़ुमैनी रह. की क्रांति व प्रयास से फिलिस्तीन का विषय मुसलमान जनता व लोगों के ध्यान का पहला मुद्दा बन गया और विश्व कुद्स दिवस न केवल ईरान बल्कि दूसरे इस्लामी और ग़ैर इस्लामी देशों की राजधानियों में भी मनाया जाता है और लोग फिलिस्तीनियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ईरान से प्रेम करता है, जो राष्ट्रीय हितों से लगाव रखता है, जो आर्थिक स्थिति की बेहतरी चाहता है, जो विश्व व्यवस्था में ईरान का प्रतिष्ठित स्थान चाहता है उसे ईरानी राष्ट्र में ईमान और आशा के प्रचार- प्रसार के लिए काम करना चाहिये।

उन्होंने ईमान और आशा को एसे दो तत्वों के रूप में पेश किया जिन्होंने इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक की अपने मिशन को गंतव्य तक पहुंचाने में मदद की। इसी प्रकार सर्वोच्च नेता ने कहा कि पिछले कुछ दशकों के दौरान साम्राज्यवादी शक्तियों ने ईरानी राष्ट्र के खिलाफ और उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए हर कोशिश की पंरतु उन्हें मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने कहा कि इमाम खुमैनी रह. ईमान और तक़वा में भी आदर्श हैं, अल्लाह के लिए आंदोलन व प्रतिरोध करने में भी आदर्श हैं और कोई भी उन्हें न तो आज इतिहास से मिटा सकता है और न ही आने वाली शताब्दियों में हां कुछ दिनों तक झूठ बोला जा सकता है और उनके व्यक्तित्व में हेरा- फेरी की जा सकती है परंतु हमेशा इस सूरज को बादलों के पीछे छिपाया नहीं जा सकता। MM

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