AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
शनिवार

27 मई 2023

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अब ग्रेटर इस्राईल नाम की कोई चीज़ नहीं, बड़ी जंग व्यापक होगी, लाखों शूरवीर योद्धाओं से रणक्षेत्र भर जायेगाः सैय्यद हसन नस्रुल्लाह

25 मई वह दिन है जब इस्राईली सैनिक दक्षिणी लेबनान से भागे थे।

25 मई 2000 को जायोनी शासन को दक्षिणी लेबनान में करारी हार का कटु स्वाद चखना पड़ा था और 18 वर्षों के बाद अतिग्रहणकारी सैनिकों को भागने पर बाध्य होना पड़ा था। इस दिन को लेबनानी प्रतिरोध और आज़ादी की ईद के रूप में मनाते हैं जबकि दक्षिणी लेबनान 18 वर्षों तक इस्राईली सैनिकों के कब्ज़े में था और वहां पर जायोनी सैनिकों ने अपनी स्थिति बहुत मजबूत कर ली और वे यह सोच रहे थे कि अब उन्हें वहां से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं हटा व निकाल सकती मगर लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के शूरवीर जवानों ने वह करके दिखा दिया जिसकी इस्राईली कल्पना भी नहीं करते थे।

प्रतिरोध के ईद की 23वीं वर्षगांठ पर इस्लामी प्रतिरोध के महासचवि सैयद हसन नसरुल्लाह ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने कहा कि बड़ी जंग इस्राईल को खत्म कर देगी और जायोनी दुश्मन के साथ जंग अभी खत्म नहीं हुई है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जिनका वर्ष 2000 में मिलने वाली बड़ी व एतिहासिक जीत में योगदान था। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट करता हूं जिनका इस विजय में योगदान था चाहे वे शहीद हों, घायल हो, बंदी हों या मुजाहिद और उनके परिजन। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों की सराहना करता हूं जो प्रतिरोध विशेषकर दक्षिणी लेबनान के प्रतिरोध के समर्थक थे।

इसी प्रकार इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने लेबनानी सेना व सुरक्षा बलों, फिलिस्तीनी गुटों, राजनीतिक पार्टियों और इसी प्रकार इस्लामी गणतंत्र ईरान और सीरिया का भी शुक्रिया अदा किया। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि जो लोग यह सोचते हैं कि इस्राईल से जंग खत्म हो गयी है तो वे ग़लतफहमी में हैं क्योंकि अभी भी हमारी भूमि का कुछ भाग इस्राईल के कब्ज़े में है।

उन्होंने कहा कि लेबनानी पीढ़ियों और लेबनानी राष्ट्र को जान लेना चाहिये कि यह सफलता फ्री में नहीं मिल गयी है, कुछ लोग हैं जो इस सफलता को छोटा दर्शाने की चेष्ट में हैं मगर हमें इसे रोकना चाहिये।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि 2000 में लेबनान और गज़्ज़ा पट्टी से निकलने के बाद ग्रेटर इस्राईल नाम की कोई चीज़ नहीं है। उन्होंने कहा कि जायोनी अब दीवारों के पीछे छिप गये हैं और फिलिस्तीनियों के साथ वार्ता में अब अपनी शर्तों को उन पर थोपने की ताकत नहीं रखते। इसी प्रकार उन्होंने बल देकर कहा कि अब अमेरिका दुनिया का थानेदार नहीं है और हर चीज़ बहुध्रुवीय व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ रही है और यह वही चीज़ है जिससे इस्राईल चिंतित है।

इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने नेतनयाहू सहित दूसरे जायोनी अधिकारियों की गीदड़भभकियों के जवाब में कहा कि ये आप नहीं हैं जो बड़ी जंग की धमकी देते हैं बल्कि यह हम हैं जो आपको जंग की धमकी व चेतावनी देते हैं। हर बड़ी जंग व्यापक होगी और उसमें समस्त सीमायें शामिल होंगी और लाखों शूरवीर योद्धाओं से रणक्षेत्र भर जायेगा।

उन्होंने कहा कि हिज़्बुल्लाह का हालिया युद्धाभ्यास जायोनियों और अमेरिका के भय का कारण बना है और यह युद्धाभ्यास इस बात का प्रमाण है कि प्रतिरोध पूरी तरह तैयार है। उन्होंने इस्राईल के प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि सावधान, अपने आकलन में ग़लती मत करना, संभव है कि पश्चिमी किनारे, फिलिस्तीन, सीरिया या ईरान में गलती कर बैठो जो पूरे क्षेत्र में आग लग जाने का कारण बनेगा और यह संभव है कि आपका गलत आकलन पूरे क्षेत्र में बड़ी जंग का कारण बने कि संभवतः आपकी सरकार का अंत हो जायेगा।

बहरहाल जानकार हल्कों का मानना है कि इस्राईल के सैन्य कमांडर, अधिकारी व राजनेता प्रतिरोध की ताकत को बहुत अच्छी तरह समझ गये हैं और जो अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में थोड़ी बहुत मूर्खतापूर्ण कार्यवाहियां व हमले करते रहते हैं तो इससे उनका मकसद यह है कि वे आम जनमत को यह दर्शायें कि अब भी वे अजेय हैं जबकि वे कितने ताक़तवर हैं इस बात को उनसे अच्छा कोई नहीं जानता और इस्राईली अधिकारी आये दिन जो डींग मारा करते हैं वह भी इसी नीति का एक भाग है।

वास्तविकता यह है कि इस्राईल अंदर से खोखला हो चुका है और अब उसके अंदर प्रतिरोध का मुकाबला करने की ताकत नहीं है। अभी हाल ही में इस्राईल के आतंकवादी हमले में जेहादे इस्लामी के कई कमांडर शहीद हो गये थे पर जब जेहादे इस्लामी ने जवाबी कार्यवाही की और राकेटों व मिसाइलों की वर्षा आरंभ कर दी तो हज़ारों जायोनी गज्जा पट्टी के आसपास के क्षेत्रों से भाग गये और इस्राईल ने 24 घंटे के अंदर ही युद्धविराम कर लिया। अगर इस्राईल के अंदर प्रतिरोध का मुकाबला करने की ताकत होती तो वह कभी भी इतनी जल्दी युद्धविराम न करता। MM

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