जनरल सलामी ने शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुश्मन इस कोशिश में था कि ईरान बेबस होकर रह जाए तभी उन्होंने कठोर पाबंदियां लगाईं और विश्व समुदाय में ईरान को अलग थलग करने के लिए उन्होंने पूरी ताक़त झोंक दी मगर हमारी इस्लामी व्यवस्था से ईमान की दौलत रखने वाले युवा खड़े हुए और दुश्मन को जो शिकस्त दी वो बेमिसाल थी।
जनरल सलामी ने कुछ महीने पहले होने वाले दंगों का हवाला देते हुए कहा कि दुश्मन इन दंगों में कोशिश कर रहा था कि ईरान की जनता इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था का समर्थन छोड़ दे मगर ईरान की जनता पूरी मज़बूती से इस्लामी व्यवस्था के साथ खड़ी है और ईरान का झंठा हर मैदान में लहरा रहा है।
उन्होंने कहा कि दुश्मन हमारे यहां जो संकट खड़ा करना चाहता था उसमें आज वह ख़ुद फंस गया है जैसे ज़ायोनी शासन इस समय अनगिनत मुश्किलों में फंसा है, ज़ायोनियों पर ग़ज्ज़ा से मिसाइल बरसते हैं और ज़ायोनी कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं जबकि अमरीका की यह हालत है कि उसे इलाक़े से बाहर जाना पड़ रहा है।
आईआरजीसी के कमांडर ने कहा कि आज यूरोप भी अनेक संकटों में घिर गया है।
342/