AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : Parstoday
रविवार

14 मई 2023

9:13:18 am
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कर्नाटक में कांग्रेस की बंपर जीत, क्या विपक्ष को एकजुट कर सकती है?

कर्नाटक की सत्ता में कांग्रेस की वापसी पर विपक्षी दलों और नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं और इसे भारतीय जनता पार्टी की विभाजनकारी राजनीति के ख़िलाफ जनादेश करार दिया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत को बहुसंख्यकवादी राजनीति की पराजय क़रार दिया है।

उन्होंने ट्वीट किया कि बदलाव के पक्ष में निर्णायक जनादेश देने के लिए कर्नाटक के लोगों को मेरा सलाम, क्रूर अधिनायकवादी और बहुसंख्यकवादी राजनीति परास्त हुई है, जब लोग बहुलता और लोकतांत्रिक ताकतों को जिताना चाहते हैं, तो केंद्रीय मॉडल उनकी इच्छा को दबा नहीं सकता, यही सच है और आने वाले कल के लिए सबक।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी कांग्रेस को जीत की बधाई दी और कहा कि सांसद के रूप में भाई राहुल गांधी को अनुचित तरह से अयोग्य ठहराना, राजनीतिक विरोधियों के ख़िलाफ प्रमुख जांच एजेंसियों का दुरुपयोग, हिंदी थोपना, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार यह सभी मतदान करते समय कर्नाटक के लोगों के दिमाग में रहा होगा और उन्होंने भाजपा की प्रतिशोधी राजनीति को करारा सबक सिखाकर कन्नड़ सम्मान को बरकरार रखा।

उन्होंने आगे कहा कि द्रविड़ परिवार का भूभाग भाजपा से साफ़ हो गया है, अब आइए हम सब मिलकर भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को बहाल करने के लिए 2024 में जीतने के लिए काम करें।

जम्मू कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी  की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि कर्नाटक में जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस को बधाई, यह देखते हुए कि भाजपा ने सबसे क्रूर और हिंसक सांप्रदायिक अभियान चलाया था, यह जीत आसान नहीं थी, कर्नाटक के लोगों ने विभाजन और कट्टरता को खारिज कर दिया है, मैं आशा करती हूं कि यह भारत के लिए नए प्रारंभ की शुरुआत है।

वहीं, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्लाह ने कर्नाटक के नतीजों को जम्मू कश्मीर में चुनावों से जोड़ते हुए कहा कि इन नतीजों के बाद भाजपा में जल्द ही जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का साहस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब कोई रास्ता नहीं है कि भाजपा में इतना साहस होगा कि वह जल्द ही किसी भी समय जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने दे।

वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कर्नाटक चुनाव परिणामों को लेकर ट्विटर पर लिखा कि कर्नाटक का संदेश यह है कि भाजपा की नकारात्मक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी, अमीरोन्मुखी, महिला-युवा विरोधी, सामाजिक बंटवारे, झूठे प्रचार वाली, व्यक्तिवादी राजनीति का ‘अंतकाल’ शुरू हो गया है। ये नए सकारात्मक भारत का महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार व वैमनस्य के ख़िलाफ़ सख़्त जनादेश है।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर कोई सोचता है कि कर्नाटक में 40 फ़ीसदी सरकार थी, तो महाराष्ट्र तो जबरन एक और भी ज्यादा भ्रष्ट बिल्डर-ठेकेदार शासन में धकेल दिया गया है जो असंवैधानिक, अनैतिक और भ्रष्ट है। उन्होंने आगे लिखा है कि कर्नाटक की तरह ही महाराष्ट्र की जनता ग़द्दारों की इस हुकूमत को उनकी जगह दिखाएगी।

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के बाद के परिदृश्य का संकेत है, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों का रुझान 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहेगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारा उद्देश्य भाजपा को हराना है।

उन्होंने कहा कि भाजपा केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सत्ता से बाहर है।

एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने एक ट्वीट में लिखा है कि कर्नाटक में कांग्रेस विजेता बनकर उभरी है, प्रगति और शासन के एक नए अध्याय का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कांग्रेस को बधाई दी है।

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे भाजपा के खिलाफ निर्णायक फैसला बताते हुए लिखा है कि कर्नाटक के लोगों को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नेतृत्व में भाजपा के घृणित सांप्रदायिक अभियान को ज़ोरदार तरीके से खारिज करने के लिए हार्दिक बधाई, इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को निर्णायक रूप से हराने वाले कर्नाटक के मतदाताओं को सलाम।

उन्होंने साथ में माकपा के पोलित ब्यूरो द्वारा जारी एक बयान भी शेयर किया है। जिसमें कहा गया है कि यह हार भाजपा सरकार के घोर कुशासन और भ्रष्टाचार का परिणाम है. स्वयं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किए गए सांप्रदायिक प्रोपगैंडा को लोगों ने खारिज कर दिया है। (AK)

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