AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
शनिवार

13 मई 2023

2:07:03 pm
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सय्यद हसन नसरुल्लाह ने की ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमलों की निंदा।

लेबनान के सबसे प्रभावी राजनैतिक दल और लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी सय्यद हसन नसरुल्लाह ने ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमलों की निंदा करते हुए कहा कि हम फिलस्तीन के लीडरों और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार राब्ते हैं और फिलिस्तीन को किसी भी तरह की मदद देने में ज़रा भी संकोच नहीं करेंगे।

लेबनान के सबसे प्रभावी राजनैतिक दल और लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी सय्यद हसन नसरुल्लाह ने ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमलों की निंदा करते हुए कहा कि हम फिलस्तीन के लीडरों और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार राब्ते हैं और फिलिस्तीन को किसी भी तरह की मदद देने में ज़रा भी संकोच नहीं करेंगे। 

शहीद कमांडर मुस्तफा बदरुद्दीन की शहादत की वर्षगांठके मौके पर होने वाले एक प्रोग्राम में अपने बयान में सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा के खिलाफ यह नई जंग एक सोची समझी साज़िश के तहत शुरू की थी। जेहादे इस्लामी के कमांडरों की टारगेट किलिंग के नाम पर शुरू किये गए इस अभियान का अहम् मक़सद यह था कि प्रतिरोधी दलों के बीच गलत फहमी पैदा कर उनके बीच फूट डाली जा सके लेकिन नेतन्याहू और ज़ायोनी लॉबी को अपनी इस घिनौनी साज़िश में मुंह की खानी पड़ी है। 

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि यह नेतन्याहू थे जिन्होंने जेहादे इस्लामी के कमंडरों की हत्या करते हुए उनके परिवार वालों का क़त्ले आम किया और दुनिया खामोश तमाशाई बनी हुई है जबकि अमेरिका ने सिक्योरिटी कौंसिल में इस्राईल की निंदा भी नहीं होने दी और ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आने दिया। 

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि जेहादे इस्लामी के कमांडरों की हत्या के बाद इस्राईल सोच रहा था कि वह इस दल की साइन ताक़त को खत्म कर देगा, लेकिन फिलिस्तीनी दलों की सूझबूझ और सब्र और धैर्य के साथ दिए गए मुंहतोड़ जवाब ने दुश्मन के होश उड़ा दिए और वह अपने मिशन में नाकाम हो गए । 

उन्होंने कहा कि चारो ओर से पड़ रहे दबावों के बावजूद ग़ज़्ज़ा का प्रतिरोध कमज़ोर नहीं बल्कि और ताक़तवर बनकर उभरा है। ग़ज़्ज़ा के इन हालात का सर सिर्फ ग़ज़्ज़ा पर ही नहीं इस पूरे इलाक़े पर पड़ेगा। हम हालात पर बारीकी से नज़र रखे हुए हैं और ग़ज़्ज़ा के कमांडरों और मुजाहिदों से लगातार राब्ते में हैं। हम एक लिमिट में उनकी मदद कर रहे हैं लेकिन जब भी हमे लगा कि अब हमारी ज़िम्मेदारी बढ़ गई है तो इंशाल्लाह हम कोई भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।