AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
बुधवार

10 मई 2023

12:59:34 pm
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ज़ायोनी शासन ने किया फिर से टार्गेट किलिंग करने का ऐलान, हसन नसरुल्लाह का नाम है हिट लिस्ट में।

बता दें कि ज़ायोनी शासन ने ऐलान किया था कि वह इस्राईल के गठन की वर्षगांठ के बाद टार्गेट किलिंग की मुहिम को फिर से शुरू करेगा चाहे इसके जितने भी गंभीर परिणाम हों वह इलाक़े में तनाव बढ़ने की क़ीमत पर भी इस योजना से पीछे नहीं हटेगा।

ज़ायोनी सेना और इस्राईल की बदनामी ज़माना ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद ने एक बार फिर अरब जगत के नेताओं और प्रतिरोधी दलों के कमांडरों की टार्गेट किलिंग की मुहिम शुरू कर दी है। 

कल ही ज़ायोनी सेना ने 40 युद्धक विमानों की मदद से ग़ज़्ज़ा, रफह और खान यूनुस में कई रिहाइशी इमारतों पर हमला करते हुए 15 लोगों को मार डाला जिस में फिलिस्तीन के तीन सैन्य कमांडरों समेत बाक़ी बच्चे और महिलाऐं शामिल थी। 

इस्राईल के समाचार पत्र यदीऊत अहारोनोत ने इस बारे में रिपोर्ट देते हुए कहा कि ज़ायोनी सेना ने जेहादे इस्लामी फिलिस्तीन के कमांडरों को निशाना बनाते हुए यह हमले किए और इसमें जेहादे इस्लामी के तीन कमांडर मारे भी गए। फिलिस्तीनी मीडिया ने भी सराया अल क़ुद्स के कमांडरों के मारे जाने की बात कही है। 

बता दें कि ज़ायोनी शासन ने ऐलान किया था कि वह इस्राईल के गठन की वर्षगांठ के बाद टार्गेट किलिंग की मुहिम को फिर से शुरू करेगा चाहे इसके जितने भी गंभीर परिणाम हों वह इलाक़े में तनाव बढ़ने की क़ीमत पर भी इस योजना से पीछे नहीं हटेगा। 

मक़बूज़ा फिलिस्तन के चैनल 12 ने रिपोर्ट देते हुए कहा था कि ज़ायोनी सेना ने फिलिस्तीनी नेताओं की हत्या की मुहिम को फिर से शुरू करने का फैसला किया फिर चाहे इसके जो भी नतीजे हों। और यह काम सैन्य प्रतिरोध को संतुलित करने के मक़सद से किया जाएगा। 

चैनल 12 ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि यह योजना ग़ज़्ज़ा, लेबनान, सीरिया , वेस्ट बैंक समेत हर मोर्चे पर लागू होगी और हमारी हिट लिस्ट में "सालेह अल-अरोरी", "याह्या अल-सिनवार", "अकरम अल-अलजवरी", "मरवान ईसा जैसे कई नेता हैं। 

ज़ायोनी चैनल 14 ने भी ऐसी ही रिपोर्ट के साथ एक अलग लिस्ट जारी की जिसमे हिज़्ज़्बुल्लाह लेबनान के जनरल सेक्रेटरी सय्यद हसन नसरुल्लाह के साथ साथ फिलिस्तीन के हमास ने याह्या सिनवार, सलाह अल आरोरी और जेहादे इस्लामी के प्रमुख ज़्याद नुख़ाला का नाम भी शामिल है। ज़ायोनी सेना का अभी सारा ध्यान सालेह अल आरोरी पर है। तल अवीव इस मर्दे मुजाहिद को तेहरान ग़ज़्ज़ा, बैरुत और बैतुल मुक़द्दस के बीच राब्ते की सबसे मज़बूत कड़ी मानता है। तल अवीव का मानना है कि लेबनान में फिलिस्तीनी प्रतिरोधी बलों को मजबूत करने और इस्राईल पर जवाबी मिसाइल हमलों के असली ज़िम्मेदार वही हैं। 

ज़ायोनी आर्मी इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख आमूस यादलीन ने याह्या अल सिनवार और सालेह अल आरोरी के बारे में बात करते हुए कहा कि पिछले साल इस्राईल के खिलाफ वेस्ट बैंक, ग़ज़्ज़ा और क़ुद्स में जो संघर्ष हुआ उसमे इन दोनों की सबसे अहम् भूमिका थी। ग़ज़्ज़ा और लेबनान से इस्राईल पर जितने भी मिसाइल हमले हुए सबका रिमोट कंट्रोल इन दोनों के हाथ में था। 

अपने मुख़ालिफ़ों की हत्या, आम लोगों का क़त्ले आम इस्राईल के लिए कोई नई बात नहीं है। रक्षा मामलों में इस्राईल के वरिष्ठ पत्रकार रोनेन बर्गमैन ने अपनी किताब राइज एंड किल फर्स्ट में खुलासा करते हुए कहा कि ब्राज़ील से लेकर साउथ ईस्ट एशिया में मलेशिया तक इस्राईल ने कम से कम 2700 आतंकी कार्रवाईयां करते हुए हज़ारों लोगों की जान ली है। 

इस्राईल को बेगुनाह लोगों का खून बहाने की आदत है। अमेरिका के आँख बंद करके मिलने वाली मदद और दूसरे देशों की ओर से जवाबी कारवाई न होने के कारन उसके हौसले बढ़े हुए हैं। मुस्लिम नेताओं और साइंटिस्टों की हिफाज़त बढ़ा देना इसका इलाज है न ही कोई रहे हल, इसका एकमात्र इलाज है बराबर की कार्रवाई और मुंहतोड़ जवाब। इस्राईल को तभी रोका जा सकता है जब ज़ायोनी हल्क़ों में उसी जैसी जवाबी कार्रवाई का डर बिठाया जाए। 

और इसकी ताज़ा मिसाल कुछ महीनों पहले तक ही समंदरों में चला टैंकर वॉर है। ईरान ने इस मैदान में इस्राईल के टैंकर वॉर के जवाब में कड़ी कार्रवाई करते हुए दुश्मन ख़ैमे में खौफ फैला दिया वह चाहे अमेरिका के ड्रोन मार गिरना हो या ब्रिटेन और मेरिकन नेवई के जवानों को नदी बंदी बनाते हुए दुनियाभर के सामने उनकी अपमान जनक हालत की वीडयो जारी करना हो या फिर ईरानी नौसेना के खिलाफ पश्चिमी दुनिया की धमकियों का मुंहतोड़ जवाब। ईरान की कड़ी जवाबी कार्रवाईयों का ही नतीजा है कि ईरान की कश्तियों पर पाबंदी के बावजूद भी खुद अमेरिकी सरकार ईरानी ऑयल टैंकर्स को रोकने की इजाज़त नहीं दे पा रही है। 

इस्राईल की टार्गेट किलिंग के जवाब में कुछ मिसाइल हमले ज़ायोनी देश की सुरक्षा की धज्जियाँ तो उड़ा देंगे लेकिन आंतरिक संकट और खाना जंगी के हालात में फंसे इस्राईल में नेतन्याहू गुट इस से राजनैतिक लाभ उठा ले जाएगा। जबकि टार्गेट के जवाब में टार्गेटेड हमलो का नेतन्याहू के विरोधियों की ओर से भी स्वागत किया जा सकता है। 

मुमकिन है प्रतिरोधी दलों की ऐसी कार्रवाई से जंग के शोले एकदम भड़क जाएं लेकिन आने वाले वक़्त में यही कार्रवाई अम्न और सुकून लाएगी। जब जब ज़ायोनी हलकों में टार्गेट किलिंग की योजना बनेगी तो उनके ज़हनों में एक तस्वीर सबसे पहले उभरेगी, और वह यह कि किसी विरोधी की टार्गेट किलिंग के साथ ही किसी एक ज़ायोनी नेता या उसी रैंक के कमांडर को भी जवाबी कार्रवाई में जान से हाथ धोना पड़ेगा।