AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : ابنا
सोमवार

8 मई 2023

5:56:18 pm
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अफ्रीका, बाढ़ ने ढाया क़हर, 400 लोगों की मौत

सैलाब से बेहाल अफ्रीका में रवांडा के बाद कांगो में बाढ़ और लैंड स्लाइड्स क़हर बनकर टूट रहे हैं। कांगो गणराज्य के पूरब में सैलाब और लैंड स्लाइड्स के कारण कम से कम 400 लोगों की मौत के बाद सार्वजनिक शोक की घोषणा की गई है। कांगो के हालत इतने खराब हैं कि यहाँ हर मिनट एक लाश मिल रही है और कफ़न और दफन का सिलसिला रुकने के नाम नहीं ले रहा है।

सैलाब से बेहाल अफ्रीका में रवांडा के बाद कांगो में बाढ़ और लैंड स्लाइड्स क़हर बनकर टूट रहे हैं। कांगो गणराज्य के पूरब में सैलाब और लैंड स्लाइड्स के कारण कम से कम 400 लोगों की मौत के बाद सार्वजनिक शोक की घोषणा की गई है। कांगो के हालत इतने खराब हैं कि यहाँ हर मिनट एक लाश मिल रही है और कफ़न और दफन का सिलसिला रुकने के नाम नहीं ले रहा है। 

पूर्वी कांगो के सैलाब और लैंड स्लाइड्स के कारण अब तक कम से कम 400 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। कांगो के एक सीनियर ऑफिसर थॉमस बाकिंगा के मुताबिक़, सैलाब के बाद अभी तक कम से 394 शव मिले हैं। दुनिया के सबसे ग़रीब देशों में शामिल कांगो में अकेले शनिवार को ही 203 लाशें मिली। थॉमस ने कहा कि जुमेरात के दिन से ही हम हर मिनट लाशे पा रहे हैं और उन्हें दफ़नाने में लगे हुए हैं। 

थॉमस ने कहा कि सरकार ने सैलाब पीड़ितों की मदद के लिए भारी राहत समाग्री भेजी है। हम कश्तियों की मदद से पीड़ित लोगों के बीच लोबिया, आटा, दवा और खाने पीने की ज़रूरी चीज़ों के साथ साथ तिरपाल वग़ैरा भी भेज रहे हैं। 

बताते चलें कि जुमेरात से ही भारी बारिश के कारण पूर्वी कांगो के यी इलाक़ों में नदियां उफान पर हैं। सैलाब और लैंड स्लाइड्स के कारण हालात बेहद गंभीर है। कई गाँव पूरी तरह से डूब गए हैं। खेत खलिहान बर्बाद हो गए। सरकार ने सार्वजनिक शोक का एलान करते हुए देश के झंडे को झुका रखने के आदेश जारी किये हैं। 

कांगो में हुई इस बारी तबाही से दो दिन पहले ही उसके पडोसी देश रवांडा में भी सैलाब के कारण कई इलाके और हज़ारों घर तबाह हो गए थे। रवांडा में बाढ़ के कारण कम से कम 131 लोग मारे गए थे। 

UNO के सेक्रेटरी एंटोनियो गुटेरेस ने कांगो और रवांडा में सैलाब पर दुख जताते हुए बाढ़ के कारण मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि 

यह जलवायु परिवर्तन में आई तेजी, और ग्लोबल वार्मिंग में कोई भूमिका न निभाने वाले देशों के पर इसके विनाशकारी प्रभाव का एक और नमूना है।