ग़ौरतलब है कि 3 मई को मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद, राज्य में व्यापक हिंसा भड़क उठी, जिसमें आग को मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
राज्य सरकार अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि हिंसा में कितने लोगों की जान गई है और कितने लोग ज़ख़्मी हैं।
हालांकि कहा जा रहा है कि आदिवासी आंदोलन में भड़की हिंसा में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई है।
कांग्रेस पार्टी ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है कि एक ओर जहां राज्य हिंसा में जल रहा है, वहीं यह बीजेपी के यह नेता कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यवस्त हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राज्य सरकार पर असफल होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील की है।
उन्होंने कहाः मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सभी सही सोच वाले भारतीयों को ख़ुद से पूछना चाहिए कि उस बहुप्रचारित सुशासन का क्या हुआ, जिसका वादा बीजेपी ने किया था। अपने राज्य में बीजेपी को सत्ता में लाने के एक साल बाद ही मणिपुर के वोटर बहुत छला हुआ महसूस कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि मणिपुर में बीजेपी की अगुआई वाली सरकार ने फ़रवरी महीने में संरक्षित इलाक़ों से अतिक्रमण हटाना शुरू किया था, तभी से तनाव था।
लोग सरकार के इस रुख़ का विरोध कर रहे थे, लेकिन हालात बेक़ाबू 3 मई को मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश से हुए।
हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह 10 साल पुरानी सिफ़ारिश को लागू करे जिसमें ग़ैर-जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की बात कही गई थी। msm
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