
ईरानी सुन्नी मुसलमानों के इस क़ाफ़िले में सीस्तान, बलुचिस्तान, ख़ुरासाने रिज़वी, ख़ुरासाने रिज़वी उत्तरी, गुलिस्तान, कुर्दिस्तान और पश्चिमी आज़रबाईजान के सुन्नी मुसलमान शामिल हो रहे हैं। नजफ़े अशरफ़ और कर्बलाए मोअल्ला का दौरा करने के अलावा, काज़मैन का दौरा करना, सुलेमानियाह में सुन्नी विद्वानों से मिलना, जुमे की नमाज़ में भाग लेना और कुफ़ा मस्जिद का दौरा करना ईरानी सुन्नी मुसलमानों कारवां की योजनाओं में से हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, इस सुन्नी कारवां में अहलेबैत के प्रशंसकों का अपने गंतव्य तक पहुंचने और शिया और सुन्नी भाइयों के बीच जुलूस में शामिल होने का उत्साह इस विशाल ईरानी कारवां के आंदोलन में उल्लेखनीय चीज़ों में से एक है। मानवता का उद्धार, शुद्ध मोहम्मदी इस्लाम का दृष्टिकोर्ण है। अरबईन हुसैनी इस्लामी स्कूल के ढांचे में राजनीतिक और नागरिक संस्कारों में से एक है। इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा शिया और सुन्नी शुद्धालुओं को इस महान धार्मिक शोक कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने की कोशिश की है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। (RZ)