AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
मंगलवार

26 अक्तूबर 2021

6:10:07 pm
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क्या इस्राईल के तेल और गैस भंडारों पर मिसाइल हमला होने वाला है? हैफ़ा के अमोनिया भंडारों के बारे में इस्राईली जनरलों में क्यों छिड़ गई है बहस

हिज़्बुल्लाह लेबनान के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह ने शुक्रवार की शाम पैग़म्बरे इस्लाम के शुभ जन्म दिवस के उपलक्ष्य में भाषण देते हुए इस्राईल से अरब सरकारों की दोस्ती का विषय उठाया और लेबनान के तेल व गैस भंडारों पर क़ब्ज़े के लिए इस्राईल के मंसूबों का ज़िक्र किया।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने इराक़ी कुर्दिस्तान के अरबील शहर में इस्राईल अरब दोस्ती के विषय पर होने वाले सम्मेलन का ख़ास तौर पर उल्लेख किया और कहा कि यह टेस्टिंग बलून था जिसका मक़सद इराक़ी राजनैतिक फ़ोर्सेज़ के भीतर सेंध लगाना था। हम इसमें एक प्वाइंट यह जोड़ना चाहते हैं कि यह सम्मेलन जो अमरीका और इस्राईल की निगरानी में हुआ है दरअस्ल इराक़ के टुकड़े करने की भयानक साज़िश की शुरुआत है।

शायद यही वजह थी कि सैयद हसन नसरुल्लाह ने धर्मगुरुओं का आहवान किया कि इस्लामी एकता पर ज़ोर दें और जातीय तथा सांप्रदायिक विवाद भड़काने की साज़िश पर अंकुश लगाएं जो इराक़ के दुश्मनों ने इस समय शुरू कर दी है।

लेबनान में दो धड़े हैं जिनकी जड़ें इलाक़े में कई देशों के भीतर तक फैली हुई हैं। एक धड़ा अमरीकी—इस्राईली एजेंडे से जुड़ा हुआ है और उनकी नीतियों पर काम करता है। वह लेबनान के तेल और गैस भंडारों में इस्राईल को हिस्सा दिलाने की कोशिश में है। दूसरा धड़ा वह मज़बूत धड़ा है जो फ़िलिस्तीन, लेबनान बल्कि पूरे इलाक़े में इस्लामी समुदाय के हितों की रक्षा करना अपना कर्तव्य समझता है।

सैयद हसन नसरुल्लाह के भाषण की शायद सबसे ख़तरनाक बात वह थी जिसमें उन्होंने लेबनान के तेल और गैस भंडारों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस्लामी प्रतिरोध संगठन जब देखेगा कि लेबनान का तेल और गैस ख़तरे में है और इस्राईल से झगड़ा बढ़ा रहा है तो हिज़्बुल्लाह को अच्छी तरह पता है कि क्या करना है और वह अपना काम करने में पूरी तरह सक्षम है।

इस समय इस्राईल में सामरिक मामलों के जो विशेषज्ञ हैं उनमें अधिकतर उस दौर के हैं जो अब गुज़र चुका है और जिसमें इस्राईल की ताक़त को बेजोड़ समझा जाता था और इस्राईली सेना घंटों में जग का निपटारा कर देती थी।  यह विशेषज्ञ अब लेबनानी मोर्चे पर नई जंग छिड़ने की बात कर रहे हैं और कहते है कि इसकी तैयारी शुरू हो गई है। वह बार बार इस्राईल के अमोनिया गैस के भंडार की बात करते हैं कि अगर इस पर मिसाइल आकर गिर गया तो क्या होगा?

इस समय अमरीका इस्राईल और उनके अरब घटकों का हाल यह है कि एक शिकस्त का घाव अभी भरा भी नहीं होता कि दूसरी शिकस्त का घाव लग जाता है। यमन, इराक़, सीरिया, अफ़ग़ानिस्तान, फ़िलिस्तीन हर जगह उनकी साज़िशें नाकाम हो रही हैं। लेबनान में भी यही होने जा रहा है। सीरिया के भीतर तनफ़ के इलाक़े में अमरीकी छावनी पर हमला अपने आप में बहुत बड़ा संदेश है।

हिज़्बुल्लाह की तरफ़ से आने वाला पहला मिसाइल शायद इस्राईल के तेल और गैस के भंडारों का रुख़ करेगा। यह इस्राईल में जारी बहसों से इशारा मिल रहा है।

अब्दुल बारी अतवान

अरब जगत के विख्यात लेखक व टीकाकार