रूसी कंपनी अलमाज़-आंते के सीईओ व्लादिस्लोव मेंशिनकोव ने मॉस्को में आयोजित आर्मी-2021 एक्सपो में यह जानकारी दी। मेंशिनकोव ने कहा कि एस-400 का निर्माण निर्धारित समय पर आगे बढ़ रहा है।
उनका कहना था कि साल के अंत तक भारत को इस मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। मौजूदा समय में भारतीय सैन्य अधिकारियों को एस-400 के संचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारत ने अक्तूबर 2018 में पांच एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर का समझौता किया था।
इस बीच, भारत को साल 2023 तक रूस में निर्मित क्रिवाक श्रेणी का पहला जंगी जहाज़ मिल जाएगा। यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्सी रख़मानोव ने सोमवार को यह भरोसा दिलाया।
रूसी अधिकारी ने बताया कि यानतार बंदरगाह पर जहाज़ के निर्माण में योगदान देने के लिए भारतीय तकनीशियनों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इससे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में क्रिवाक श्रेणी के दो जंगी जहाज़ों के निर्माण की भावी योजना को साकार करने में मदद मिलेगी।