जनरल अली फ़िदवी ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा की जंग में सबने अल्लाह के वादों को पूरा होते देखा। उन्होंने कहा कि दुशमनों की सैनिक ताक़त मुसलमानों के पास मौजूद सीमित संसाधनों की तुलना में बहुत अधिक है लेकिन ईमान की ताक़त से अल्लाह के वादों तक पहुंचा जा सकता है।
जनरल फ़िदवी ने कहा कि असत्य के मोर्चे की पराजय निश्चित है मगर इसकी शर्त यह है कि हम अपने कर्तव्य का पालन करते रहें।
ज्ञात रहे कि ग़ज़्ज़ा में हलिया 12 दिवसीय युद्ध में इस्राईल ने पूरी शक्ति से ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमले किए लेकिन वह फ़िलिस्तीनी संगठनों की मिसाइल शक्ति को कमज़ोर नहीं कर पाया। इसीलिए युद्ध के आखिरी दिन तक फ़िलिस्तीनी संगठनों ने इस्राईली हमलों के जवाब में मिसाइलों की बरसात की।
अब पूरी दुनिया में यह बहस छिड़ गई है कि ग़ज़्ज़ा पट्टी जैसे छोटे से इलाक़े में रहते हुए भी हमास संगठन दूसरे हिज़्बुल्लाह आंदोलन में बदल गया और इस्राईल उसे रोक नहीं पाया।