ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सय्यद अब्दुर्रहीम मूसवी ने कहा है कि ज़ायोनी सरकार गंभीर आंतरिक उथल-पुथल और 'रिवर्स माइग्रेशन' के डर से ग्रस्त हो गई है। इसलिए वह अपने वुजूद को बचाने के लिए विदेशों में रह रहे यहूदियों और अपने समर्थक तत्वों के ख़िलाफ़ भी आतंकी कार्रवाइयों और जघन्य अपराधी कदम उठा रही है, जो वास्तव में आत्महत्या के समान है।
इमाम हुसैन कैडेट कॉलेज में छात्रों की आउट-पासिंग के समारोह में जनरल मूसवी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह समारोह वास्तव में इमाम ख़ुमैनी के विचारों, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और शहीदों के साथ नए संकल्प का प्रतीक है, जो एक ऐसी नई पीढ़ी के आगमन की घोषणा है जो जागरूक रूप से इस्लामी क्रांति की रक्षा के लिए ख़ुद को समर्पित कर चुकी है।
उन्होंने क्षेत्र की बदलती स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि दुश्मन की बेचैनी इस बात का प्रमाण है कि प्रतिरोधी मोर्चा मज़बूत है और ज़ायोनी सरकार अपनी आंतरिक विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ख़तरनाक रास्ते अपना रही है, लेकिन यह तरीक़े उसे पतन से नहीं बचा पाएंगे।
जनरल मूसवी ने ज़ायोनी सरकार की नई रणनीति की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में आपने देखा कि यह सरकार ख़ुद को नुक़सान पहुंचाने की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि आंतरिक उथल-पुथल से बचने, रिवर्स माइग्रेशन रोकने और यहूदी-विरोधी धारणा पैदा करने के लिए उन्होंने विदेशों में यहूदियों और अपने समर्थकों को निशाना बनाया ताकि वे स्वयं को पीड़ित दिखा सकें। यह पहला मौक़ा नहीं है, बल्कि पहले भी कई बार ऐसे अपराध हो चुके हैं।
22 दिसंबर 2025 - 14:27
समाचार कोड: 1764754
आंतरिक उथल-पुथल से बचने, रिवर्स माइग्रेशन रोकने और यहूदी-विरोधी धारणा पैदा करने के लिए उन्होंने विदेशों में यहूदियों और अपने समर्थकों को निशाना बनाया ताकि वे स्वयं को पीड़ित दिखा सकें। यह पहला मौक़ा नहीं है, बल्कि पहले भी कई बार ऐसे अपराध कर चुके हैं।
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