हिज़्बुल्लाह के प्रमुख शेख नईम कासिम ने हिज़्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि हम किसी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और देश की रक्षा के लिए तत्पर हैं और किसी कीमत पर हथियार नहीं डालेंगे। उन्होंने यूएनआईएफआईएल कमांडर के बयान का उल्लेख भी किया, जिसमें ज़ायोनी शासन द्वारा बार बार संघर्ष विराम का स्पष्ट उल्लंघन स्वीकार किया गया था और लीतानी नदी के दक्षिण में हिज़बुल्लाह की क्षमता के पुनर्निर्माण से इनकार किया गया था। संघर्ष विराम समझौते के बाद भी इस्राईल की घुसपैठ जारी है और यह लेबनान के लिए सीधा खतरा है।
शेख नईम कासिम ने उन विचारों को खारिज करते हुए जो प्रतिरोध के हथियारों को बेकार मानते हैं, स्पष्ट किया कि दुनिया में कोई भी प्रतिरोध आंदोलन दुश्मन के बराबर हथियारों से लैस नहीं है और सैन्य असंतुलन सभी प्रतिरोध आंदोलनों में एक स्वाभाविक बात है।
उन्होंने कहा कि प्रतिरोध का मुख्य मिशन क्षेत्र को मुक्त करना और सरकार व सेना का समर्थन करना है, न कि हमले को पूरी तरह रोकना। उनके अनुसार, 2006 से 2023 तक हिज़बुल्लाह का प्रतिरोध दुनिया के स्तर पर एक अद्वितीय उपलब्धि रही है।
शेख नईम कासिम ने कहा कि प्रतिरोध का निरस्त्रीकरण, लेबनान की आत्महत्या के समान है। हिज़बुल्लाह कभी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
उन्होंने प्रतिरोध के निरस्त्रीकरण की मांग को स्पष्ट रूप से अमेरिकी-ज़ायोनी मांग बताते हुए कहा कि मौजूदा हालात में इस विषय को उठाना लेबनान को कमजोर करना और उसकी आत्महत्या के समान है। उन्होंने प्रतिबंधों और संरचनात्मक भ्रष्टाचार को देश की मुख्य समस्याओं में गिना और अमेरिका को 2019 से लेबनान को अस्थिर करने वाला कारक बताया।
14 दिसंबर 2025 - 14:14
समाचार कोड: 1761563
उन्होंने प्रतिरोध के निरस्त्रीकरण की मांग को स्पष्ट रूप से अमेरिकी-ज़ायोनी मांग बताते हुए कहा कि मौजूदा हालात में इस विषय को उठाना लेबनान को कमजोर करना और उसकी आत्महत्या के समान है।
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