अहलुल बैत (अ.स.) अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी के पूर्व विश्लेषक लैरी सी जॉनसन ने ईरान के प्रति अमेरिका की हस्तक्षेपवादी नीतियों की विफलता के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के हालिया इकबाल के बाद ईबीएनए समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि ईरान मे सत्ता परिवर्तन की अमेरिकी कोशिशें नाकाम रही हैं।
उन्होंने 2025 की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का उल्लेख किया जिसमे ईरान को "क्षेत्र की प्रमुख अस्थिरकारी शक्ति" के रूप में प्रस्तुत कीय गया है लेकिन साथ ही यह दावा करती है कि यह देश काफी कमजोर हो गया है।
जॉनसन ने कहा कि ईरान की मिसाइल और परमाणु क्षमताओं में कमी नहीं आई है और इसका परमाणु कार्यक्रम अभी भी मजबूत बना हुआ है। उन्होंने ईरान की प्रतिरोधी शक्ति उल्लेख करते हुए कहा कि रूस और चीन के साथ ईरान के सैन्य सहयोग ने संयुक्त राज्य अमेरिका के विरुद्ध इसकी स्थिति को मजबूत किया है।
इराक में ईरान के प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि शिया समूहों और इस देश की सशस्त्र सेनाओं के साथ ईरान के मजबूत संबंध उसे आंतरिक नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण बढ़त देते हैं। ईरान द्वारा समर्थित हश्दुश् -शअबी जैसे संगठन प्रधान मंत्री के निर्धारण और विधायी प्रभाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जॉनसन का मानना है कि ईरान वर्तमान में न केवल कमजोर हुआ है, बल्कि इसे क्षेत्रीय घटनाक्रम में एक केंद्रीय खिलाड़ी के रूप में मान्यता दी जाती है और उसके पास बाहरी चुनौतियों और दबावों का प्रबंधन करने की क्षमता है।
11 दिसंबर 2025 - 12:50
समाचार कोड: 1760458
सीआईए के पूर्व विश्लेषक ने ईबीएनए से बातचीत में कहा कि ईरान अब 12-दिवसीय युद्ध की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है और अमेरिका में इतनी क्षमता नहीं को वह ईरान को सैन्य रूप से हरा सके।
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