ईरान के उप विदेश मंत्री ने ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता की बहाली के लिए तेहरान की स्थिति स्पष्ट करते हुए कुछ बुनियादी शर्तें रखीं। उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका पर किसी भी मामले में बिल्कुल भी भरोसा नहीं करता। बातचीत तभी संभव है जब अमेरिका ईरान का विश्वास बहाल करे; बातचीत को गुप्त या खतरनाक एजेंडे के स्रोत के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए; एनपीटी के के तहत, ईरान के अधिकारों, विशेष रूप से यूरेनियम संवर्धन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और सभी प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि ईरान किसी भी संभावित खतरे से लड़ने के लिए हमेशा तैयार है, और अगर उस पर कोई हमला करता है, तो उसका पूरा और तुरंत मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
बता दें कि ओमान की मध्यस्थता में ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ताओं का एक सिलसिला चला था, और यह वार्ता पाँच दौर तक चली थी लेकिन ईरानपर अचानक ही 13 जून को अवैध राष्ट्र इस्राईल द्वारा किए गए हमले के बाद यह प्रक्रिया बाधित हो गई।
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