ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम नेता सय्यद अली खामेनेई ने तेहरान में इमाम खुमैनी की 36वीं बरसी को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान को अपनी नीतियों और निर्णयों में किसी का हुक्म मानने की जरूरत नहीं है।
प्राप्त विवरण के अनुसार, इमाम खुमैनी की 36वीं पुण्यतिथि के अवसर पर तेहरान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सर्वोच्च नेता ने इमाम खुमैनी को सलामी देते हुए उनके दरजात की बुलंदी की दुआ की।
उन्होंने कहा कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था, अल्हम्दुलिल्लाह, आज मजबूत हो रही है, यह क्रांति का एक बड़ा परिणाम है। इस्लामी क्रांति के जनक की मौत को तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन जिनकी मौजूदगी आज भी महसूस की जाती है, और उनका क्रांतिकारी प्रभाव दुनियाभर में है। दुनिया भर मे अमेरिका की धूमिल होती प्रतिष्ठा और ज़ायोनीवाद से नफरत इमाम खुमैनी के इंक़ेलाब की देन है।
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