3 जून 2025 - 17:10
गज़्ज़ा, मौत का जाल बन गए हैं सहायता केंद्र

रविवार को भी ज़ायोनी सेना ने मानवीय सहायता के लिए इंतजार कर फिलिस्तीनी नागरिकों पर गोलीबारी की जिसमें 30 लोग शहीद हो गए और 150 घायल हो गए थे।

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने एक बयान में कहा है कि मानवीय सहायता और वितरण केंद्र के मौजूदा स्वरूप कोई मानवीय तरीका नहीं है और गज़्ज़ा के अधिकांश निवासियों को इस से कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है।

इस संगठन ने कहा कि रफह क्रॉसिंग खोलने और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से मानवीय सहायता को प्रवेश करने की अनुमति देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जबकि मौजूदा स्थिति में, ज़ायोनी सेनाएँ गज़्ज़ा के लोगों को सहायता केंद्रों में जाने के लिए कहती हैं और फिर उन पर गोली चलाते हुए क़त्लेआम कर रही है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गज़्ज़ा में स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से नष्ट हो गई है और बहुत कम अस्पताल आंशिक रूप से काम कर रहे हैं। इस बयान के अनुसार, गज़्ज़ा पट्टी के 60 प्रतिशत क्षेत्र को साफ कर दिया गया है और उन क्षेत्रों के निवासी शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने फिलिस्तीनी सहायता केंद्रों का जिक्र करते हुए कहा कि संगठन अपनी गतिविधियों का पुनर्मूल्यांकन करने की कोशिश कर रहा है क्योंकि स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। संगठन ने घोषणा की कि वह ज़ायोनी पक्ष के साथ अपना परामर्श जारी रखेगा, लेकिन अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की योजना के रास्ते में कई मुद्दे हैं। वहीं नासिर अस्पताल के चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि पश्चिमी रफह में मानवीय सहायता के लिए प्रतीक्षा कर रहे लोगों पर ज़ायोनी सेना की सीधी गोलीबारी के नतीजे में 24 लोग शहीद हो गए और 200 घायल हो गए।

रविवार को भी ज़ायोनी सेना ने मानवीय सहायता के लिए इंतजार कर फिलिस्तीनी नागरिकों पर गोलीबारी की जिसमें 30 लोग शहीद हो गए और 150 घायल हो गए थे।

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