अहले बैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव आयतुल्लाह रज़ा रमज़ानी ने ईरान और कई अफ्रीकी देशों के मीडिया कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में आयोजित किए गए "अहलुल बैत (अ.स.) मीडिया नैरेटर्स" के तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में, दहे करामत की बधाई देते हुए कहा कि यह समारोह मानव समुदाय के लिए करामत की सच्चाई से आगाह होने का आधार हो सकता है। अद्ल और करामत इस्लाम के सकारात्मक सिद्धांतों मे से हैं।
उन्होंने कहा कि हम एक मानवीय जागृति देख रहे हैं; जिस प्रकार मुसलमान जागरुक हुए और अपने कर्तव्यों से परिचित हुए, उसी प्रकार आज हम विश्व में मानवीय जागरूकता देख रहे हैं। गज़्ज़ा की घटनाओं के कारण प्रतिरोध की चर्चा अब सीमाओं को तोड़ चुकी है वह किसी सीमा को नहीं पहचान रही, तथा यूरोप और अमेरिका के लोगों ने इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
मीडिया का फर्ज सही मायने में, सच्चाई को सामने लाना है। पश्चिमी जगत अपनी शक्ति का विस्तार करने के लिए साइबरस्पेस का उपयोग करता है, लेकिन हमारा दृष्टिकोण मानवीय और यथार्थवादी होना चाहिए।
आयतुल्लाह रमज़ानी ने कहा कि "आज, मीडिया और साइबरस्पेस में जिहाद वास्तविक दुनिया में जिहाद से कम नहीं है।
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