विवादित वक़्फ़ क़ानून को लेकर कोर्ट में बहस के दौरान सरकार ने इस पर रोक लगाने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। संसद के दोनों सदनों से पारित वक्फ अमेंडमेंट एक्ट 2025 राष्ट्रपति से मंजूरी मिलते ही 8 अप्रैल से पूरे देश में लागू हो गया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस कानून के लागू होते ही विरोध के सुर तेज हो गए, देशभर में अलग-अलग न्यायलयों में इसके खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की गई थी।
केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं के खिलाफ कोर्ट में प्रिलिमिनरी काउंटर एफिडेविट दायर कर किसी भी तरह के अंतरिम राहत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया। सरकार ने अपने जवाब में वक्फ एक्ट 1995 और उसके बाद 2013 के अमेंडमेंट को चुनौती देने वाले पुराने मामलों का हवाला दिया है।
कानूनी सिद्धांतों और पुराने मामलों की नजीरों को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार ने न्यायपालिका से अपील की है कि न्यायिक अनुशासन और स्थिरता बनाए रखते हुए हालिया याचिकाओं पर किसी भी तरह की अंतरिम राहत न दी जाए।
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