15 अप्रैल 2025 - 17:08
हमास को मिटाना नामुमकिन, कैदियों की रिहाई के लिए समझौता करे इस्राईल 

इस पत्र पर जायोनी प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उसने इन पत्रों पर हस्ताक्षर करने वालों को चरमपंथी बताया और कहा कि ऐसे लोग ज़ायोनी समाज को अंदर से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं

फिलिस्तीन मे जनसंहार कर रहे ज़ायोनी प्रधानमंत्री को अपने ही देश मे अब आम लोगों के साथ साथ सैन्य अफसरों ने भी निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।  गज़्ज़ा मे जारी जनसंहार को रोकने के लिए ज़ायोनी खुफिया एजेंसी के 250 से ज्यादा अधिकारियों ने ज़ायोनी सरकार को पत्र लिखा है जिनमें 12 टॉप ऑफिसर्स भी शामिल हैं। इस खत में लिखा गया है कि जारी लड़ाई की वजह से ज़ायोनी कैदियों और हमारे सैनिकों की जान खतरे में है। इस जंग के खात्मे की लिए हर मुमकिन कोशिश की जाए।

इस पत्र पर जायोनी प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उसने इन पत्रों पर हस्ताक्षर करने वालों को चरमपंथी बताया और कहा कि ऐसे लोग ज़ायोनी समाज को अंदर से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं इस पत्र को 200 ज़ायोनी सैन्य डॉक्टरों के जरिए दिए गए पत्र का भी समर्थन मिला है, जिसमें संघर्ष को समाप्त करने और कैदियों की वापसी की मांग की गई थी।

इसके साथ ही हमास ने कहा है कि नेतन्याहू और उसकी सरकार बिना सीज़फायर समझौते के कुछ हासिल नहीं कर पाएगी।

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