:قال الامام الصادق علیه السلام
لا یَنبَغی لِلمُؤمِنِ أن یَجلِسَ مَجلِسا یُعصَی اللّه فیهِ و لایَقدِرُ عَلی تَغییرِهِ
کافی: ج 2 ، ص 374
इमाम जाफ़र सादिक़ अस
मोमिन के लिए अच्छा नहीं है कि वह ऐसी जगह पर जा बैठे जहां पर गुनाह होता हो और वह उसे नेकी मे न बदल सकता हो ।
