وَأَوْفُوا۟ بِعَهْدِىٓ أُوفِ بِعَهْدِكُمْ وَإِيَّـٰىَ فَٱرْهَبُونِ
और तुम मुझसे किए हुए अहद व पैमान को पूरा करो मैं भी तुमसे किए हुए अपने अहद को पूरा करुंगा। (सूरए बक़रह, आयत-40) अल्लाह की राह में क़दम बढ़ाओ, अल्लाह मदद करता है, अब यह सिर्फ़ अल्लाह का वादा नहीं है। हम अगर देर से यक़ीन करने वालों में हो, उन लोगों में हों जिनके दिल में ईमान नहीं और अल्लाह के वादों को सहीं नहीं मानते तो भी हमारे तजुर्बे (इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी ने) हमको यह चीज़ नुमायां तौर पर दिखा दी है। आयतुल्लाह ख़ामेनेई 18/08/2010
