फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ इस्राईल के लगातार अत्याचारों से बयानबाजी की हद तक ही सही लेकिन लगता है कि इस्लामिक देशों का संगठन नींद से जाग गया है । इस्लामिक कोऑपरेशन ने मांग की है कि फिलिस्तीन के खिलाफ जारी इस्राईली अत्याचारों को तत्काल रोका जाए।
रविवार की रात, इस्लामिक सहयोग संगठन ने फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों में कब्जे वाली ज़ायोनी सरकार की सेनाओं द्वारा किए गए अपराधों में वृद्धि की निंदा की और इसे रोकने का आह्वान किया।
फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी समा की रिपोर्ट के अनुसार इस्लामिक सहयोग संगठन के प्रधान कार्यालय ने क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में ज़ायोनी सरकार की सेना के अपराधों में वृद्धि की कड़ी निंदा की है। रविवार सुबह ज़ायोनी सेना ने मज़लूम फ़िलिस्तीनियों पर हमला किया जिसके परिणामस्वरूप 2 फ़िलिस्तीनी युवक मारे गए और 2 फ़िलिस्तीनी घायल हो गए और तूले करम शहर के पूर्व में नूर शम्स शरणार्थी शिविर के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया।
इस्लामिक सहयोग संगठन ने ज़ायोनी हमलों की निंदा की और कहा कि ये हमले मानवता के ख़िलाफ़ युद्ध अपराध हैं।
इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से फिलिस्तीन पर कब्ज़ा करने वाली ज़ायोनी लॉबी पर दबाव डालने का आह्वान किया है ताकि फिलिस्तीन के ख़िलाफ़ इस्राईल के बार-बार होने वाले अपराधों और आक्रामकता को रोका जा सके और फ़िलिस्तीनी लोगों को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्रदान किया जा सके।
फ़िलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार, वेस्ट बैंक में तूले करम शरणार्थी शिविर पर ज़ायोनी सेना के हमले के परिणामस्वरूप दो फ़िलिस्तीनी मारे गए।