ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहिम रईसी ने अरबईन फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अरबईन मार्च के कारण विभिन्न देशों के बीच बनी एकता के कारण वैश्विक दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ एक आंदोलन अस्तित्व में आया है। यह मार्च बदलाव और प्रतिरोध का एक मॉडल बन गया है।
सय्यद इब्राहिम रईसी ने अरबईन फाउंडेशन के सदस्यों को उनके अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें इस महान आयोजन को बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए अपनी तमाम सलाहियतों और ताक़त उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ज़ियारते इमाम हुसैन अ.स. और अरबईन मार्च का असली लक्ष्य और उद्देश्य समाज का निर्माण करना और कुरानी सभ्यता को आम करना है। ईरान और इराक की सरकारें आपसी सहयोग और समन्वय से इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
राष्ट्रपति सय्यद इब्राहिम रईसी ने इस महान मार्च में आम लोगों की भूमिका के महत्व को बयान करते हुए कहा कि इस संबंध में जनता के अनुभवों का भी उपयोग किया जाना चाहिए। इस प्रकार शत्रु की योजनाएँ विफल हो जायेंगी तथा अरबईन मार्च की प्रभावशीलता भी बढ़ जायेगी।
उन्होंने प्रांतीय अधिकारियों और जनता के बीच सहयोग और समन्वय को आवश्यक बताते हुए कहा कि हम खुद को ज़ाएरीन का सेवक मानते हैं और इस मार्च की प्रगति और विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।