परमाणु ऊर्जा संगठन के उप प्रमुख सैयद पजमान शीरमर्दी ने मेहर न्यूज़ एजेंसी के साथ बात करते हुए कहाः लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा और तकनीक के इस्तेमाल की उपेक्षा की गई है और आम लोग इससे अवगत नहीं हैं। हालांकि इस तकनीक का इस्तेमाल करके मीठे पानी की कमी या औद्योगिक कचरे जैसे बड़े संकटों का समाधान निकाला जा सकता है।
शीरमर्दी का कहना था कि शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक, पानी की बचत और मीठे पानी के उत्पादन में प्रभावी हो सकती है। वैज्ञानिकों ने शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा का उपयोग करके औद्योगिक कचरे के शुद्धिकरण, प्रदूषण को कम करने और लंबे समय तक भोजन को संरक्षित करने के लिए प्रभावी और सुरक्षित तरीक़े विकसित किए हैं।
उन्होंने कहाः यह ध्यान में रखते हुए कि देश में पानी की खपत का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र से संबंधित है, परमाणु प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ऐसे उत्पादों का उत्पादन करना संभव है, जो कृषि उत्पादों में पानी की खपत को एक तिहाई तक कम कर सकते हैं।
शीरमर्दी का कहना था कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के आदेश के अनुसार, परमाणु ऊर्जा संगठन ने लगभग 20,000 मेगावाट परमाणु ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो मीठे पानी के उत्पादन के लिए एक अच्छा अवसर साबित हो सकता है। msm
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