5 सितंबर 2021 - 18:32
मुज़फ्फरनगर में किसानों की महापंचायत, वरूण गांधी बोले किसानों के दर्द को समझना होगा

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुजफ्फरनगर में रविवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें बहुत बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार किसान महापंचायत के मंच से किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बीजेपी को उखाड़ फेंकना है।

किसान महापंचायत के मंच पर मौजूद अभिमन्यु कुमार ने कहा कि सन 2011 में मुजफ्फरनगर में बीजेपी की साजिश सफल हो गई थी। उस समय हमारे किसानों को धर्म और जाति के नाम पर बांट लिया गया था। उसी समय से बीजेपी और आरएसएस के अच्छे दिन और इस देश के किसानों के बुरे दिन शुरू हो गए।

इसी बीच महापंचायत के दौरान किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि किसानों का भारत बंद अब 25 सितंबर के बजाए 27 सितंबर को होगा।किसान मोर्चा ने कहा कि 27 सितंबर को उनके भारत बंद के दौरान देश में सबकुछ बंद रहेगा।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने शपथ ली है कि मरते दम तक हम धरनास्थल से हटेंगे नहीं। भले ही वहां पर हमारी कब्र ही क्यों न बना दी जाए। टिकैत के अनुसार अगर जरूरत पड़ी तो हम अपनी जान भी दे देंगे लेकिन हम वहां से हटेंगे नहीं। जबतक हम जीत नहीं जाते उस समय तक हमें कोई भी ताकत वहां से हटा नहीं सकती है।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद वरुण गांधी ने आज अपने ऑफिशियल टि्वटर पर महापंचायत का एक वीडियो शेयर किया है।  इस वीडियो के साथ वरुण गांधी ने कहा है कि मुजफ्फरनगर में हो रही महापंचायत में लाखों की संख्या में किसान शामिल हुए हैं।  हमें इन किसानों का दुख-दर्द समझना होगा।  वरुण गांधी के बयान की रालोद नेता जयंत चौधरी ने तारीफ की है।

भाजपा नेता वरुण गांधी ने टि्वटर पर शेयर किए गए अपने वीडियो के जरिये बयान दिया है कि हमें किसानों के साथ सम्मानपूर्वक बातचीत करने की जरूरत है, उनकी पीड़ा को समझने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि किसानों की बात जानने के बाद ही हमें ज़मीनी हालात समझने में मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि भारत की केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए इस देश के किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। करीब नौ महीने से किसान दिल्ली बॉर्डर पर जुटे हुए हैं लेकिन सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। वहीं किसानों ने भी ठान लिया है कि वह अपनी मांग मनवाकर ही दम लेंगे।