अमरीकी सरकार की विचारधारा से हट कर भी दुनिया के विभिन्न इलाक़ों में हिंसा, विवादों और झगड़ों में सब से अधिक हाथ अमरीका का ही रहा है। अमरीका अपने दुश्मनों की सूचि में दर्ज देशों में हंगामे करने और दसियों लाख लोगों को भूखा मरने में तनिक भी संकोच नहीं करता यही वजह है कि पूरी दुनिया में अमरीकी सरकार से घृणा बढ़ रही है लेकिन अब यह घृणा खुद अमरीका के भीतर भी पहुंच गयी है विशेषकर सत्ता में डोनाल्ड ट्रम्प के आने के बाद से इन चार बरसों में अमरीकी सरकार से स्वंय अमरीका के भीतर घृणा बढ़ी है क्योंकि ट्रम्प ने गोरे अमरीकियों की तरह साफ तौर पर झुकाव और बाकी नागरिकों की ओर से लापरवाही का प्रदर्शन किया विशेषर अफ्रीकी मूल के या दक्षिणी अमरीकी मूल के अपने नागरिकों की पूरी तरह से अनदेखी की। इस लिए नस्लभेद में डूबे अमरीका के इस राष्ट्रपति को अब अमरीका की सड़कों पर ही सबक़ सिखाया जा रहा है।
अमरीकी समाज में नस्लभेद एक बहुत ही पुरानी बीमारी है जिसकी पीड़ा अब सभी विचारधाराओं, समानता व स्वतंत्रता के दावों पर भारी पड़ रही है क्योंकि न्याय के बिना तो शांति व सुरक्षा स्थापित ही नहीं हो सकती, अमरीका के काले वर्ण के नागरिक कब तक अन्याय और पुलिस की हिंसा सहन करेंगे?
जार्ज फ्लाइड की पुलिसकर्मी के हाथों क्रूरता से हत्या के बाद से सातवें दिन भी अमरीका में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं कई लोग मारे गये और हज़ारों घायल हुए हैं जबकि बताया गया है कि लगभग पांच हज़ार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हमें लगता है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं।
अमरीका में नस्लभेद के खिलाफ पहले भी प्रदर्शन हो चुके हैं लेकिन इस बार के प्रदर्शन अलग हैं क्योंकि काले अमरीकियों का संयम खत्म हो चुका है और फिर उनका गुस्सा अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के नस्लभेद की वजह से ही नहीं बल्कि देश की अर्थ व्यवस्था बचाने और कोरोना से मुकाबले में उनकी नाकामी ने भी प्रदर्शनकारियों के गुस्से को बढ़ाया है।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प किसी डरे हुए चूहे की तरह की तरह वाइट हाउस के तहखाने में बने स्ट्रेटजिक बंकर में छुप गये क्योंकि उन्हें वाइट हाउस के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों से वह बुरी तरह से डर गये थे। अमरीका में चरमपंथी नस्लभेदी धड़े ने जिसके सरगना हैं, प्रदर्शनों के पीछे विदेशी हाथ होने की बात कही है और हैरत की बात यह है कि श्याम वर्ण से संबंध रखने वाली अमरीका की भतपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोन्डोलीज़ा राइस ने बिना किसी संकोच के रूस पर आरोप मढ़ दिया है लेकिन यह सब सच्चाई से भागने की नाकाम कोशिश है।
हम यहां बैठ कर बहुत अच्छे से समझ रहे हैं कि इन प्रदर्शनों की वजह क्या है और इसी लिए प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन इसके साथ ही हिंसा और लूटमार को अस्वीकारीय बताते हैं क्योंकि मुसलमान और अरब होने के नाते हमने अमरीकी नस्लभेद और हस्तक्षेप का बहुत बड़ी कीमत चुकायी है और उसकी वजह से हमारे कई देश तबाह हो चुके हैं। अमरीकी नस्लभेद और हस्तक्षेप की वजह से इराक़, सीरिया, लीबिया, फिलिस्तीन, और अफगानिस्तान में हमारे दसियों लाख भाई मार डाले गये हैं। दुनिया के सारे युद्धों और हिंसा के पीछे अमरीका का हाथ है और यह लगता है जैसे अमरीकी नेताओं को निर्दोषों की हत्या किये बिना नींद ही नहीं आती। हम राष्ट्रपति ट्रम्प से बस यह कहना चाहेंगेः जो बोया है वही काटें।Q.A. साभार, रायुल यौम, लंदन